
रांची। साहित्यकार ‘मीनू’ मीना सिन्हा की तीसरी पुस्तक काव्य संग्रह ‘अनुभव के दरख्त’ का लोकार्पण झारखंड प्रदेश अंगिका समाज के तत्वावधान में अंगिका समाज के बुद्धिजीवियों एवं साहित्यकारों ने किया। डीएवी पब्लिक स्कूल, कमड़े में आयोजित कार्यक्रम में डॉ श्रीमोहन सिंह, डॉ एम.पी सिन्हा, डॉ निवास चंद्र ठाकुर, पंकज मित्र, श्रीप्रकाश देवकुलिस, अनिल कुमार सहाय, चंद्रिका ठाकुर, एच.के. सिंह ने इसका विमोचन किया। पुस्तक में 108 कविताएं हैं।
कविताओं में सामाजिक विसंगतियों पर निर्मम प्रहार है तो प्रेम की रची-पगी चाशनी, राजनीति की निर्ममता, मतदान की जागरूकता, आतंकवादियों को मुख्य धारा में लाने की कारूणिक पुकार, तार-तार होते रिश्तों की कथा, होली की मस्ती, विरहिणी की व्यथा है। प्रकृति की मनमोहकता-भयावहता, सोशल मीडिया पर दिखावा, देशभक्ति के ओजपूर्ण स्वर, सेवानिवृत्ति का अमृत फल, हास्य-व्यंग्य विधा में समाहित कविताएं जो हमें रोजमर्रा की जिंदगी से रूबरू कराती हुई इतर अहसास कराती हैं ।
‘मीनल’ उपनाम से प्रसिद्ध ‘मीनू’ की प्रथम पुस्तक ‘जीवनधारा’, 2018 और दूसरी पुस्तक ‘बिटिया’ 2021 में आईं। दो काव्य संग्रह ‘पत राखो हे मेरी माता और ‘गिरिपथ’ शीघ्र प्रकाश्य है।
‘मीनू’ की रचनाएं प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में छपती रहती हैं। ‘महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान, ‘अंग भूमि महिला गौरव सम्मान’ सहित शताधिक सम्मानों की इन्हें प्राप्ति हो चुकी है। सेवानिवृत्ति के बाद साहित्य सृजन में समर्पित रचनाकारा को चित्रकारिता का भी विशेष सम्मान प्राप्त है।