- शोधार्थियों ने तैयार किया वेब पोर्टल
बेंगलूरु। ग्रामीण समुदाय के कम पढ़़े लिखे और साक्षर लोगों के ज्ञानवर्धन के लिए नम्मा हल्ली रेडियो ने बोलचाल की भाषा के कुछ ओडियो संग्रह जारी किए हैं। इससे कन्नड़ भाषा में देश दुनिया की जानकारी सर्च करने के लिए ग्राम कन्नड़ा ओडियो सर्च भी तैयार किया गया है। कन्नड़ बोलचाल की भाषा के शब्द भी सर्च किए जा सकेंगे।
आईआईआईटी बेंगलूरु में वेब साइंस की शोध छात्रा अपर्णा एम. ने बताया कि तुमकुरु क्षेत्र में नम्मा हल्ली रेडियो नाम से एक संगठन ने कोरोना काल के दौरान लोगों के अनुभव और उनकी परेशानियों को ऑडियो में रिकॉर्ड किया था। वे सभी ऑडियो उनको दिए गए थे। उन ऑडियो को सुनने के बाद उस पर गहन अध्ययन किया।
अपर्णा ने कहा कि ऑडियो में सुने गए किसी भी शब्द को सर्च करना हो तो उसे टाइप किया जा सकता है। वेब एप्लीकेशन वे सभी ऑडियो उन्हें देगा, जिसमें वह शब्द हैं। उदाहरण के तौर पर किसी को कर्नाटका सर्च करना हो तो उसे अंग्रेजी या कन्नड़ में कर्नाटका टाइप करने मात्र से पता चल जाएगा कि कौन-कौन से ऑडियो में कर्नाटका शब्द का उपयोग हुआ है। सर्च का परिणाम कन्नड़ में ही दर्शाया जाएगा।
शोध छात्र टीबी दिनेश ने बताया कि इस वेब सर्च का उपयोग ग्रामीण क्षेत्र के साक्षर व्यक्ति भी कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सात सौ गांवों में स्टेशन बनाए गए हैं। यहां एक रेडियो और ऑपरेटर को लगाया गया है। वहां वॉइस के जरिए सर्च किया जा सकता है।

दिनेश ने बताया कि यह कन्नड़ भाषा में कम संसाधन, बोलचाल की ओडियो सामग्री सर्च करने के लिए एक ज्ञान प्रबंधन ढांचा है। ग्रामीण सामाजिक समुदायों में अक्सर समृद्ध ज्ञान होता है, लेकिन यह अक्सर इंटरनेट पर पहुंच से बाहर होता है। नम्मा हल्ली रेडियो ने कुछ घंटों का एक ओडियो संग्रह एकत्र किया है, जिसमें बोलचाल की भाषा में सामुदायिक बातचीत शामिल है।
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