बेंगलुरु। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अब देश के साथ-साथ पूरे विश्व की निगाहें ISRO के सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 पर टिकी हैं।
श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग सेंटर से आदित्य-L1 मिशन को आज (शनिवार) 11.50 बजे लॉन्च कर दिया गया। आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी और सूर्य के बीच की एक फीसदी दूरी तय करके L-1 पॉइंट पर पहुंचा देगा। लॉन्चिंग के ठीक 127 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा।
इसरो के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। आदित्य एल-1 मिशन के लॉन्च को देखने के लिए स्कूली छात्र श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में मौजूद थे।
आदित्य एल1 मिशन पर दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू तारामंडल में प्रोग्रामिंग मैनेजर प्रेरणा चंद्रा ने बताया कि अन्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां पहले ही सूर्य पर अवलोकन कर चुकी हैं। आदित्य एल1 के साथ हमारे पास सूर्य के आंकड़े भी मोजूद होंगे, जिससे हमें अंतरिक्ष के मौसम और आगामी अंतरिक्ष अभियानों को समझने में बहुत मदद मिलेगी।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉन्च पर बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘अभूतपूर्व! चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद आज इसरो के हमारे महान वैज्ञानिकों ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-L1 की सफल लॉन्चिंग की है। इस अवसर पर देश सहित इसरो के समस्त वैज्ञानिकों और उनके परिवारों को अनेक-अनेक बधाई, शुभकामनाएं और जोहार।’
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