नई दिल्ली। इस समय की बड़ी खबर मौसम विभाग ने दी है। कहा है कि, बंगाल की खाड़ी में बने गहरे दबाव क्षेत्र के कारण पश्चिम बंगाल से लेकर ओडिशा तक मिधिली चक्रवात का संकट गहरा गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि इसके कारण 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से यह बांग्लादेश तट से होते हुए सुंदरबन से गुजरेगा। इसके कारण पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी हो सकती है।
पश्चिमी बंगाल में चक्रवात के कारण आपात स्थिति बन गई है। सरकार ने इसके लिए तमाम इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। मौसम विभाग ने आरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने बताया चक्रवाती तूफान ‘मिधिली’ सुबह 5:30 बजे उत्तर पश्चिमी सीमा रेखा पर ओडिशा पारादीप से 190 किलोमीटर पूर्व और पश्चिम बंगाल के दीघा से 200 किलोमीटर और खेपुपारा से 220 किमी दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित है।
आईएमडी ने बताया मिधिली चक्रवात उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ते हुए देर रात या फिर 18 नवंबर को सुबह बांग्लादेश के खेपुपारा तट को छुएगा। इस चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल और ओडिशा में इस चक्रवात का बहुत प्रभाव नहीं दिखाई देगा, लेकिन तटीय इलाकों में भारी बारिश होने की पूर्ण संभावना है।
पश्चिम बंगाल के जिले उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, पूर्वी मेदिनपुर और कोलकाता में 20 से 110 मिलीमीटर बारिश हो सकती है। यह चक्रवात ओडिशा के समुद्री तट से 150 किलोमीटर दूर से गुजरेगा। यहां कई जिलों में बारिश देखने को मिल सकती है।
मौसम विभाग ने 18 नवंबर तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है। पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में हवा की गति और तूफान का असर रहेगा। ऐसे में खतरा पैदा हो सकता है। चक्रवात के कारण तटीय इलाकों की सड़कों को नुकसान हो सकता है। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त ने जिला अधिकारियों को सतर्कता आदेश जारी किया है।
भारतीय हिंद महासागर में चक्रवाती तूफानों का नाम 13 देश बारी-बारी से रखते हैं। इसमें भारत, सऊदी अरब, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाइलैंड, श्रीलंका, ईरान, कतर, UAE और यमन शामिल हैं। इस बार मालदीव की बारी थी। सभी देशों ने मिल 25 सालों तक के लिए चक्रवातों के नाम की सूची पहले ही तैयार की है।