गया। बिहार का गया दुनिया भर में मोक्षनगरी के रूप में प्रसिद्ध है। यहां श्राद्ध पक्ष में देश से ही नहीं, विदेश से भी लोग अपने पूर्वजों (पितरों) के पिंडदान के लिए पहुंच रहे हैं। इन लोगों में युद्धग्रस्त यूक्रेन की यूलिया जीटो मेरास स्काई भी शामिल हैं।
यूलिया ने युद्ध के दौरान मारे गए अपने माता-पिता की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण किया। आचार्य लोकनाथ गौड़ ने विधि-विधान से कर्मकांड संपन्न कराया। यूलिया पेशे से साइकोलॉजिस्ट हैं। वो यूक्रेन में रहकर चीन और दूसरे देशों के लिए ऑनलाइन काम करती हैं।
यूलिया ने कहा, वह अपने माता-पिता के मोक्ष की कामना लेकर गया पहुंची हैं। यहां के महत्व के बारे में उन्हें एक धर्मगुरु से जानकारी मिली थी। वह कहती हैं रूस के आक्रमण में उनके माता-पिता समेत परिवार के कई सदस्य मारे गए। यूक्रेन में पूरी तरह अशांति फैली हुई है।
उन्होंने दिवंगत माता-पिता के साथ यूक्रेन और रूस के उन लोगों का पिंडदान भी किया है, जो इस युद्ध में मारे गए। उन्होंने कहा कि अब युद्ध बंद होना चाहिए। यह गया की उनकी दूसरी यात्रा है।