- झारखंड में फूलों की व्यावसायिक खेती-वर्तमान परिदृष्य एवं संभावनाएं विषय पर सेमिनार
रांची। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि राज्य में फ्लोरीकल्चर से जुड़ी आधारभूत संरचना के विकास के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में काम तेजी से किया जा रहा है। अगला दशक किसानों का है। सरकार का फोकस कृषि उत्पादकता पर है। इसलिये कृषकों को परंपरागत तौर तरीकों के साथ-साथ तकनीकी स्तर पर भी दक्षता हासिल करनी होगी, ताकि किसानों की आय ज्यादा से ज्यादा हो सके। वह 3 फरवरी को रांची के मोरहाबादी स्थित रामकृष्ण मिशन ऑडिटोरियम में राज्य उद्यान निदेशालय के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। इसका विषय ‘झारखंड में फूलों की व्यावसायिक खेती-वर्तमान परिदृष्य एवं संभावनाएं’ था।
किसानों से सुझाव पर नीति में बदलाव
श्री बादल ने कहा कि कोविड संक्रमण के दौरान जब पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो रही थी। जब सारे औद्योगिक धंधे बंद हो चुके थे, उस दौर में कृषकों ने देश और राज्य को आत्मनिर्भरता की संजीवनी प्रदान की। राज्य के किसानों ने प्रवासी मजदूरों का स्वागत निःशुल्क गुलाब देकर किया। उन्होंने कहा कि बागवानी संस्कृति को बढ़ावा देना सरकार का प्राथमिक लक्ष्यों में से एक है। सरकार जो कृषि नीति तैयार कर रही है, उसका प्रारूप किसानों की जरूरतों के हिसाब से तैयार कराया जा रहा है। साथ ही किसानों के सुझाव के अनुसार सरकार नीतियों में शिथिलता लायेगी।
पचास दिनों में किसानों के कर्ज माफ होंगे
कृषि मंत्री ने सेमिनार में कृषि दर्पण का लोकार्पण करते हुए कहा कि कृषि दर्पण के माध्यम से लाखों किसान लाभान्वित होंगे। इसके माध्यम से किसानों को मौसम के साथ साथ कृषि की नई तकनीकियों की भी जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि आगामी 4 सालों में राज्य के 24 लाख किसानों का लखपति बनाने का लक्ष्य है। किसानों को कृषि से जुड़ी आधारभूत संरचनाओं का विकसित स्वरूप प्रदान करना है, ताकि वह आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सकें। श्री बादल ने कहा कि किसानों की आर्थिक सशक्ति के लिये श्रम के साथ साथ आधुनिक तकनीक से भी जुड़ना होगा। गांव और राज्य के साथ-साथ सोसाईटी के प्रति संवेदनशीलता भी रखने की जरूरत है। उन्होंने कृषि ऋण माफी योजना को लेकर कहा कि किसानों के कर्ज माफी की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। अगले पचास दिनों में 9 लाख से ज्यादा किसानों के कर्ज माफ करने के लिये 2 हजार करोड़ रूपये निर्गत किये जायेंगे।
फ्लोरीकल्चर को कॉमर्शियल अंदाज में स्वीकार करें
कृषि सचिव अबु बकर सिद्दिख पी ने कहा कि फ्लोरीकल्चर को प्राईम लाईन में लाने के लिये विभाग प्रयासरत है। मल्टी क्रॉपिंग मोड में काम करने की जरूरत पर जोर दिया। फ्लोरीकल्चर को कॉमर्शियल अंदाज में स्वीकार करें। उसी के अनुरूप कार्ययोजना बनायें। विभिन्न योजनाओं के तहत बीज वितरण, सिंचाई व्यवस्था, बैंक ऋण, उपकरण आदि की सुविधा सरकार उपलब्ध करायेगी। श्री सिद्दिख ने कहा कि प्रोडक्टीविटी पर फोकस करना होगा और प्रयास करना होगा कि क्वालिटी प्रोडक्ट दें ताकि प्रतिस्प्रधात्मक बाजार में खुद को स्थापित किया जा सके।
बेहतर काम करने वाले पुरस्कृत किये गये
सेमिनार में बागवानी के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिये वैज्ञानिक और कृषकों को भी सम्मानित किया गया। मौके पर रामकृष्ण मिशन आश्रम के संचालक स्वामी भविष्यानंद महाराज, राज्य उद्यान निदेशक वरुण रंजन, जिला उद्यान पदाधिकारी विकास कुमार के साथ बड़ी संख्या में रांची प्रमंडल के किसान उपस्थित थे।