मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिल्पकारों के गांव पहुंचा जिला प्रशासन

झारखंड
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  • ग्रामीण राशन, पेंशन, आवास योजना से हुए आच्छादित
  • शिल्पकारों की परंपरा को अक्षुण्ण रखने का प्रयास शुरू

रांची। तबला, मांदर, ढोल, मृदंग की गूंज कभी कम ना हो। सदियों से चली परंपरा अक्षुण्ण रहे। शिल्पकारों को सम्मान मिले। उनकी कला जीवित रहे। इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर जमशेदपुर के बोड़ाम प्रखंड स्थित अंधारझोर गांव जिला प्रशासन की टीम पहुंची। मुख्यमंत्री ने उक्त आदेश ग्रामीणों को आवास, पेंशन, राशन समेत अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिलने की जानकारी के बाद दिया था।

विशेष शिविर का आयोजन

अंधारझोर गांव में विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस कैम्प में आवास, राशन कार्ड में नाम जोड़ने व हटाने, सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन और कृषि विभाग द्वारा केसीसी से संबंधित आवेदन प्राप्त किए गए। अंधारझोर गांव के ग्रामीणों के आवास, पेंशन एवं राशन कार्ड को लेकर जिला प्रशासन ने योजना से जोड़ने का कार्य शुरू कर दिया है। साथ ही, गांव की अन्य समस्याओं के जल्द समाधान हेतु आश्वस्त किया गया है।

सैकड़ों आवेदन प्राप्त हुए

शिविर में आवास योजना के 104, नया राशन कार्ड के लिए 5, राशन कार्ड में सदस्य का नाम जोड़ने संबंधी 2, राशनकार्ड स्थानांतरण का 1, राशन कार्ड में आधार सुधार का 1, सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत दिव्यांग पेंशन का 1, वृद्धा पेंशन का 5 और निराश्रित पेंशन का 2 आवेदन प्राप्त हुए। 25 लोगों ने केसीसी का लाभ लेने के लिए आवेदन किया।

शिल्पकारों को मिला भरोसा

मुख्यमंत्री के निर्देश पर उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने शिल्पकारों से मुलाकात की। उन्होने शिल्पकारों से तबला, मांदर, ढोल, मृदंग आदि को बनाने में लगने वाला समय, लागत, निर्माण सामग्री, मार्केट तथा उनके उत्पाद को मिलने वाले मूल्य की जानकारी ली। 70 परिवारों का गांव अधारझोर के ग्रामीणों ने बताया कि कई पीढ़ियों से उनका गांव शिल्पकला को संरक्षित रखने का कार्य कर रहा है, लेकिन लागत के अनुपात में मूल्य नहीं मिलने और बाजार उपलब्ध नहीं होने के कारण लोग इससे विमुख भी होने लगे हैं। उपायुक्त ने जमशेदपुर के साकची स्थित संजय मार्केट के पास खाली स्थान में विश्वकर्मा प्वाइंट बनाने की संभावनाओं को देखा। इस प्वाइंट पर शिल्पकारों के लिए मार्केट विकसित करने पर विचार किया गया है।

जागरूक हुए ग्रामीण

मौके पर प्रशासन द्वारा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, फुलो झानो आशीर्वाद योजना, छात्रवृत्ति, धान अधिप्राप्ति, अनुदानित दर पर कृषि उपकरण वितरण योजना तथा अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही लोगों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। 

मुख्यमंत्री के आदेश पर ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया है। गांव को मूलभूत सुविधाओं से आच्छादित करने की प्रक्रिया शुरू हुई है। शिल्पकारों की सैकड़ों वर्षों से चली आ रही वाद्ययंत्र निर्माण की परंपरा को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए कार्य शुरू हो चुका है।-मंजूनाथ भजन्त्री, उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम

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