सीएमपीडीआई ने विकसित किया खनन प्रहरी एप, जानें खूबी

टेक्नोलॉजी झारखंड
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रांची। सीएमपीडीआई ने खनन प्रहरी नामक मोबाइल आधारित एप्लीकेशन विकसित किया है। गुजरात के गांधीनगर स्थित भास्कराचार्य इंस्टीच्यूट ऑफ स्पेस एप्लीकेशन एंड जियो-इंफॉर्मेटिक्स (बीआईएसएजी) के सहयोग से इसे विकसित किया है। यह मोबाइल आधारित एप्लीकेशन कोयला क्षेत्र की सीमाओं के अंदर कोयले के अवैध खनन के खतरे को रोकने के लिए विकसित किया गया है।

इस एप के माध्यम से नागरिक जियो-टैग की गई तस्वीरों के माध्यम से अवैध खनन गतिविधियों की रिपोर्ट कर सकते हैं। मोबाइल एप्लीकेशन एंड्रॉइट एप स्टोर और एप्पल प्ले स्टोर दोनों पर उपलब्ध है।

इसके अलावा, खनन प्रहरी अवैध कोयला खनन की जियो-टैग की गई तस्वीरें खींचने और उन्हें नेटवर्क क्षेत्र में अपलोड करने के लिए नो-मोबाइल नेटवर्क जोन में भी कारगर है। कोल माइन सर्वेलांस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएमएसएमएस) पोर्टल और खनन प्रहरी एप का नवीनतम उन्नत संस्करण क्रियाशील है। खनन प्रहरी एप के माध्यम से सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी।

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