प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। महारत्न कंपनी कोल इंडिया (Coal India) में जूनियर अफसरों को प्रमोशन देकर जीएम बनाने की जांच की मांग उठी। इस संबंध में झारखंड के पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह ने प्रधानमंत्री, कोयला मंत्री, सीवीसी के आयुक्त सहित अन्य संबंधित विभाग के अफसरों को पत्र लिखा है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि कोल इंडिया के तत्कालीन अध्यक्ष प्रमोद कुमार अग्रवाल ने जूनियर अफसरों को प्रमोशन देकर जीएम बनाया है। वरीय अधिकारियों की जगह जूनियर को प्रोमोशन देकर जीएम बनाया जाना संदेह पैदा करता है।
पूर्व मंत्री ने पत्र में लिखा है कि कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा सीमपीडीआई, ईसीएल, बीसीसीएल, एनसीएल, एसईसीएल, डब्लूसीएल, एमसीएल, सीआईएल और सीसीएल के 403 अधिकारियों को साक्षात्कार के लिए अलग-अलग तिथि में बुलाया गया था। यह साक्षात्कार 3 मार्च से 12 अप्रैल, 23 तक चली।
साक्षात्कार के बाद 403 अफसरों में से 133 अधिकारियों को प्रमोशन देकर महाप्रबंधक बनाया गया। दिलचस्प यह है कि उक्त 133 महाप्रबंधक में 130 जूनियर अफसर हैं। महज 3 सीनियर अफसरों को ही महाप्रबंधक बनाया गया। कोल इंडिया के इतिहास में पहली बार एक साथ 133 अधिकारियों को महाप्रबंधक बनाया गया है। जूनियर अधिकारियों को महाप्रबंधक बनाये जाने के इस खेल में बड़े पैमाने पर पैसे के लेन-देन करने की बात सामने आई है, जो जांच का विषय है।
सिंह ने लिखा है कि जूनियर अफसरों को महाप्रबंधक बनाये जाने के कुछ ही दिन बाद तत्कालीन अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल का सेवानिवृति हो गए। इसलिए इस बात की प्रबल अशंका है कि जान बूझकर और खेल के तहत तत्कालीन अध्यक्ष ने बड़े पैमाने पर जूनियर अफसरों को महाप्रबंधक बनाया। इसमें कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई के कई सीएमडी भी शामिल हैं, जो जूनियर अफसरों को साक्षात्कार के लिए सूची तैयार की।
पूर्व मंत्री ने लिखा है कि कोल इंडिया एक महारत्न कंपनी है। वर्तमान समय में मुनाफे पर चल रही है। इस कंपनी में वरीय अफसरों को प्रमोशन नहीं देकर जूनियर को महाप्रबंधक बना दिए जाने से वरीय अधिकारियों में हीन भावना उत्पन्न हुई होगी, जो कंपनी हित के लिए नुकसानदायक है। इसलिए इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच कर दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए।