पटना। शनिवार को शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर उतरे। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने शिक्षक अभ्यर्थियों पर जमकर लाठियां चटकायीं। इस दौरान कई शिक्षक अभ्यर्थियों को हल्की चोटें भी आयी हैं।
बता दें कि बिहार सरकार की ओर से डोमिसाइल नीति समाप्त करने के फैसले के खिलाफ शनिवार को राज्यभर से जुटे हजारों शिक्षक अभ्यर्थियों ने आज (शनिवार) से पटना में विरोध प्रदर्शन शुरू किया। शिक्षक अभ्यर्थी सबसे पहले गांधी मैदान में इकट्ठा हुए। फिर हाथों में तिरंगा लिए पैदल मार्च करते हुए डाकबंगला चौराह के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर के बाद रोक दिया।
इस दौरान अभ्यर्थी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते रहे। पुलिस ने पहले से ही बैरिकेडिंग कर रखी थी, ताकि अभ्यर्थियों को इससे आगे बढ़ने नहीं दिया जाए। फिर हल्का बल प्रयोग कर सभी को पीछे खदेड़ दिया।
पुलिस के समझाने के बाद भी शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आक्रोशित शिक्षक अभ्यर्थियों ने पथराव शुरू कर दिया। डाक बंगला चौराहे से पुलिस ने उन्हें पटना जंक्शन तक खदेड़ा। प्रदर्शन की वजह से डाकबंगला से गांधी मैदान के बीच जाम लग गया। पुलिस ने 35 शिक्षक अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है, जिनमें 2 महिलाएं हैं। सभी को कोतवाली थाना ले जाया गया है।
बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ का कहना कि बिहार के विद्यालयों में बीपीएससी के माध्यम से होने वाली शिक्षकों की बहाली में स्थानीय नीति हटने से बिहार के युवाओं को काफी नुकसान होगा। चार सालों से शिक्षक बहाली के लिए परेशान शिक्षक अभ्यर्थियों पर स्थानीय नीति हटाकर पूरे देश के अभ्यर्थियों की बहाली करना शिक्षक अभ्यर्थियों को मानसिक प्रताड़ना देने जैसा फैसला है, जिसकी जितनी निंदा की जाये, कम होगी।
शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहार सरकार का यह निर्णय राज्य के युवाओं को धोखा देना है। पहले से ही बेरोजगारी की मार झेल रहे बिहार के युवाओं को अब एक और बड़ी परेशानी में नीतीश सरकार ने डाल दिया है।