गुमला। जिले के चैनपुर प्रखंड में जमीन माफियाओं का कहर चरम पर है। बेन्दोरा पंचायत के छतरपुर गांव में रौतिया समाज के लोगों की पुश्तैनी जमीन हड़पने की बड़ी साज़िश का खुलासा हुआ है। जमीन मालिक के रजिस्ट्री ऑफिस बिना आए ही फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कर साढ़े छह एकड़ (6.67 एकड़) पैतृक भूमि की रजिस्ट्री करा ली गई। जमीन मालिक ने इस संबंध में उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाई है।
इस मामले को लेकर गुमला रजिस्ट्री ऑफिस में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। अधिकारी को अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी। छतरपुर गांव निवासी पीड़ित लोचनाथ रौतिया ने जमीन माफियाओं पर अपनी खानदानी जमीन ठगकर अपने नाम लिखवाने का गंभीर आरोप लगाया है।
लोचनाथ रौतिया के अनुसार जमीन माफिया और प्राइवेट अमीन ने मिलकर सोमवार को फर्जी तरीके से 6.67 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री करा ली। जब मंगलवार को लोचनाथ व उसके परिवार को इसकी सूचना मिली, तब वे तुरंत रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचे। जोरदार हंगामा शुरू कर दिया।
लोचनाथ ने रजिस्ट्रार से सवाल किया कि जब हम सोमवार को रजिस्ट्री ऑफिस आए ही नहीं हैं, तब फिर मेरी जमीन की रजिस्ट्री कैसे हो गई। काफी देर तक चले हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद रजिस्ट्रार रामजीलाल उरांव ने लोचनाथ रौतिया के सिग्नेचर का मिलान कराया। मिलान में यह स्पष्ट रूप से अलग-अलग पाया गया।
इसके बाद रजिस्ट्रार ने कहा कि ऑफिस के स्टाफ के द्वारा मुझे डार्क में रखकर रजिस्ट्री कराई गई है। इसे तत्काल रिजेक्ट किया जाएगा। लोचनाथ रौतिया ने उपायुक्त को भी फर्जी हस्ताक्षर कर जमीन रजिस्ट्री के इस गंभीर मामले की जानकारी दी है। न्याय की गुहार लगाई है।
बता दे कि चैनपुर के छतरपुर में जमीन माफियाओं द्वारा रौतिया समाज के लोगों की जमीन हड़पने का यह कोई पहला मामला नहीं है। करीब एक वर्ष पूर्व फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री कराए जाने के सदमे में एक अन्य जमीन मालिक (महिनाथ रौतिया) की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद सैकड़ों ग्रामीणों ने शव के साथ सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था।
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