गणपत लाल चौरसिया
गुमला। सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से नर्सिंग कौशल कॉलेज में 20 अगस्त को सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान चलाया गया। इस कार्यक्रम में अनुमंडल पदाधिकारी राजीव नीरज, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुरेश प्रसाद यादव और जिला परिवहन पदाधिकारी ज्ञान शंकर जायसवाल उपस्थित रहे।
सड़क सुरक्षा पर गहन चर्चा
इस अभियान का मुख्य लक्ष्य कॉलेज के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करना और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए व्यवहारिक तरीकों पर चर्चा करना था। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित छात्राओं से सड़क सुरक्षा टीम ने विस्तृत संवाद किया। हेलमेट और सीट बेल्ट के उपयोग के महत्व पर जोर दिया गया। टीम ने बताया कि ये सुरक्षा उपकरण दुर्घटना के समय जान बचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मोबाइल फोन का उपयोग ना करें
वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने के गंभीर परिणामों के बारे में भी बताया गया। टीम ने स्पष्ट किया कि मोबाइल का उपयोग ना केवल ध्यान भंग करता है, बल्कि इससे प्रतिक्रिया का समय भी बहुत धीमा हो जाता है। इससे दुर्घटना की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने के नुकसानों पर भी प्रकाश डाला गया। टीम ने बताया कि अधिकांश दुर्घटनाएं इन्हीं कारणों से होती है। इसमें न सिर्फ चालक बल्कि दूसरों का जीवन भी खतरे में पड़ जाता है।
क्रैश गार्ड नहीं लगवाने की सलाह
समझाया गया कि मोटरसाइकिल पर तीन सवारियों (ट्रिपल लोडिंग) और तीन पहिया वाहन पर ओवरलोडिंग से वाहन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे ब्रेक लगाने में दिक्कत होती है। वाहन के पलटने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, वाहन चालकों को वाहन पर क्रैश गार्ड नहीं लगवाने की सलाह दी गई, क्योंकि वे दुर्घटना के दौरान वाहन के प्रभाव को अवशोषित करने की क्षमता को बाधित कर सकते हैं।
अधिकारियों का संबोधन व संदेश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, अनुमंडल पदाधिकारी राजीव नीरज ने लेन ड्राइविंग और नियमसंगत ड्राइविंग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन सरल नियमों का पालन करके दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है। उन्होंने हेलमेट को “जीवन रक्षक” बताते हुए सभी से इसे अनिवार्य रूप से पहनने की अपील की।
जिला परिवहन पदाधिकारी ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की गोल्डन ऑवर में जान बचाने वालों के लिए चलाई जा रही “गुड समेरिटन” योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से 2,000 रुपये और केंद्र सरकार की ओर से 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुरेश प्रसाद यादव ने एडवांस पोलिसिंग के तहत सड़क सुरक्षा के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे परिवहन के नियमों को हल्के में ना लें। अपनी और दूसरों की जान बचाने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने ड्राइविंग के दौरान शांत रहने के लाभों पर भी जोर दिया, जिससे बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।
शपथ और भविष्य की प्रेरणा
अधिकारियों के संबोधन के बाद, सड़क सुरक्षा के सदस्यों ने सभी कॉलेज छात्राओं और शिक्षिकाओं को यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करने की शपथ दिलाई। सभी से यह भी अपील की गई कि वे केवल खुद ही इन नियमों का पालन न करें, बल्कि अपने परिवार और पड़ोसियों को भी हेलमेट,सीट बेल्ट के उपयोग और यातायात नियमों के पालन के महत्व के बारे में जागरूक करें।
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से सड़क सुरक्षा प्रबंधक कुमार प्रभाष, नर्सिंग कौशल कॉलेज की प्रिंसिपल नीरजा, शिक्षिका सुमिता चटर्जी व अन्य शिक्षकगण और सदस्य उपस्थित थे।
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