
हजारीबाग। हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत जोबर पंचायत के बंदखारो निवासी धनंजय महतो का शव 50 दिनों बाद रविवार को विमान से रांची पहुंचा। बैजनाथ महतो के पुत्र धनंजय महतो (32) की मौत सऊदी अरब में काम के दौरान छत से गिरकर हो गई थी।
धनंजय करीब एक वर्ष पूर्व कमाने के लिए सऊदी अरब गए थे। वहां एलएंडटी कंपनी के ट्रांसमिशन लाइन में हेल्पर के रूप में काम कर रहे थे। काम के बाद ताबुक शर्मा रोड स्थित तमामी कैंप परिसर स्थित डेरा की बालकनी में मोबाइल पर बात करने के दौरान चक्कर खाकर वे नीचे गिर पड़े थे। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। वह अपने पीछे पत्नी गीतांजलि देवी, पुत्र संजय कुमार, सुनील कुमार छोड़ गए हैं।
झारखंड सरकार ने बताया कि सऊदी अरब के तबूक में कार्य के दौरान 24 मई, 2025 को धनंजय की आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा कंपनी एवं परिजनों के साथ समन्वय स्थापित कर मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।
धनंजय का शव को लेने प्रवासी श्रमिक हित में कार्य करने वाले समाजिक कार्यकर्ता सिकन्दर अली रांची एयरपोर्ट पहुंचे। संवेदना प्रकट करते हुए कहा है कि हजारीबाग, गिरिडीह एवं बोकारो जिले के बड़ी संख्या में श्रमिक देश-विदेश में कार्यरत हैं। ऐसे में उनके साथ आए दिन अनहोनी के बाद शव लाने की पीड़ा और मुआवजा एक बड़ी समस्या होती है।
राज्य और विदेश जाने वाले अधिकांश प्रवासी श्रमिकों की मौत जोखिम वाले काम करने से हुई है। अगर सरकार कंपनियों के लिए यह नियम सख्ती से लागू करती कि श्रमिकों की मौत के बाद एक निश्चित रकम मुआवजा के रूप में कंपनियों को देना ही पड़ेगा, तो गरीब मजदूरों के परिवारों को कुछ राहत मिल पायेगी।
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