
- खूंटी के 7, साहेबगंज एवं गोड्डा के 18 बच्चों को किया जाएगा पुनर्वासित
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सार्थक प्रयास से लगातार मानव तस्करी के शिकार बालक व बालिकाओं को मुक्त कराकर उनके घरों में पुनर्वासित किया जा रहा है। इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र, नई दिल्ली द्वारा मानव तस्करी के शिकार 25 नाबालिग बच्चों को वापस झारखंड में पुनर्वासित किया जा रहा है। इन सभी बच्चों की उम्र 12 से 17 वर्ष के बीच है। इनमें से ज्यादतर बच्चियों को एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र द्वारा दिल्ली पुलिस एवं स्थानीय एनजीओ के सहयोग से दिल्ली एवं दिल्ली से सम्बंधित राज्यों के विभिन्न स्थानों से रेस्क्यू किया गया है।
एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र नई दिल्ली की नोडल ऑफिसर श्रीमती नचिकेता ने जानकारी दी कि साहेबगंज जिला के 2 मानव तस्कर पूनम मरांडी एवं ईश्वर तुरी को पकड़ने के दौरान उनके द्वारा बताये गए बच्चों से सम्बंधित सूचना के आधार पर इन सभी बच्चों को दिल्ली एवं दिल्ली के आसपास के राज्यों से एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र में कार्यरत राहुल सिंह एवं सुश्री निर्मला खलखो के अथक प्रयास के बाद निकाला गया है। ये बच्चे गुरुवार को सुरक्षित सीडीपीओ, खूंटी – अल्ताफ खान एवं साहेबगंज की सीडीपीओ – पूनम कुमारी के नेतृत्व में रांची आ रहे है।
ज्ञातव्य हो कि एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र, झारखंड भवन, नई दिल्ली का एक अभिन्न अंग है। इसे महिला एवं बाल विकास विभाग, झारखंड सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। यह सारी कार्रवाई झारखंड भवन के स्थानिक आयुक्त अरवा राजकमल के निर्देश पर किया गया।
बता दें कि महिला एवं बाल विकास विभाग मानव तस्करी के मामले में बहुत ही संवेदनशील है उसी का परिणाम है कि झारखंड के तस्करी के शिकार सैकड़ों बच्चों को झारखंड में अब तक पुनर्वासित किया गया है। उन्हें झारखंड सरकार के कई योजनाओं का लाभ भी दिया गया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव मनोज कुमार एवं निदेशक श्रीमती किरण कुमारी पासी द्वारा सभी जिलों के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को आदेश दिया गया है कि ऐसे मामले के संज्ञान में आते ही तुरंत ही टीम बनाकर नई दिल्ली रवाना किया जाए। अग्रतर कार्रवाई करते हुए बच्चों को सुरक्षित तरीके से उनके घरों में पुनर्वासित करते हुए झारखंड सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का उन्हें लाभ दिया जाए। साथ ही इन बच्चों की सतत निगरानी भी की जाए।
एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र के राहुल सिंह एवं श्रीमती निर्मला खलखो द्वारा यह बताया गया कि हमारा एक टोल फ्री नंबर 10582 है, जिसके माध्यम से भी झारखंड की तस्करी के शिकार बच्चों की सूचना प्राप्त होती है। इन रेस्क्यू किए गए बच्चियों की काउंसलिंग की जाएगी। उनके घर का एड्रेस निकाला जाएगा और संबंधित जिले के सीडीपीओ के माध्यम से बच्चों का होम वेरिफिकेशन कराया जाएगा। फिर इन बच्चों को साहिबगंज, गोड्डा, खूंटी जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी द्वारा पुनर्वासित किया जाएगा।
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