- सीएमपीडीआई में जागरुकता अभियान का आयोजन
रांची। आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में क्षेत्रीय श्रमायुक्त (केन्द्रीय), रांची द्वारा 7 मार्च से 13 मार्च, 22 तक आईकोनिक सप्ताह मनाया जा रहा है। इस क्रम में 10 मार्च को सीएमपीडीआई में श्रम-कानूनों के अंतर्गत श्रमिकों के अधिकार एवं नियोक्ताओं के दायित्व के अनुपालन के संबंध में ‘जागरूकता अभियान’ का आयोजन उप श्रमायुक्त-धनबाद के निर्देश पर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और आईआईएम, रांची के विजिंग फैक्लटी अभिजीत दत्ता एवं विशिष्ट अतिथि सीएमपीडीआई के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक मनोज कुमार, कल्याण आयुक्त एमए खान, क्षेत्रीय श्रमायुक्त एस स्वांई, पूर्व उप मुख्य श्रमायुक्त दोराई बुरू थे।
प्रो दत्ता ने कहा कि चालक, माली, मेड, ग्रॉसरी एवं दूध वेंडर जैसे असंगठित मजदूर और कामगार हमसब के अदृश्य सहभागी हैं। हमलोगों की सफलता में उनकी सहभागिता रहती है। आज हमारे देश में 93 प्रतिशत मजदूर असंठित और शेष संगठित क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। आर्थिक लाभ में इन कामगारों को कितना लाभ मिलता है, इसकी चर्चा नहीं होती है। किसी भी देश की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उस देश का असंगठित क्षेत्र का कामगार कितना खुश रहता है। इनकी खुशहाली हमें गौरवांति प्रदान करेगा।
सीएमडी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से श्रम कानूनों को अवगत कराने, मजदूरों के अधिकार तथा प्रधान नियोजक का दायित्व, मेहनत/मजदूरी की जानकारी, कार्यावधि एवं कुशल/अर्द्धकुशल/अकुशल मजदूरों का वर्गीकरण आदि की जानकारी बहुत ही सुगमतापूर्वक प्राप्त हो जाती है। साथ ही ठेकेदार अथवा प्रधान नियोजक व लागू करने वाले एजेंसियों में यदि किसी प्रकार की कमी रहती है तो उसे दूर में सहायता प्रदान करती है।
स्वांई ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूर का मजदूरी छह महीने में पुनरीक्षित होता है। किसी भी कामगार को उचित मजदूरी नहीं देना अपराध माना जाएगा। कम मजदूरी देने पर मजदूरी का दस गुणा अधिक मुआवजा देने का प्रावधान है। ऐसे मामलों में मजदूरों को श्रमिक प्रतिनिधियों को मदद करनी चाहिए। असंठित क्षेत्र के कामगारों को वेतन, बोनस अथवा कल्याण मदों में यदि ठेकेदार द्वारा कोताही बरती जाती है तो प्रधान नियोजक का दायित्व बनता है कि उसमें हस्तक्षेप करते हुए तर्कसंगत/न्यायसंगत कार्रवाई करते हुए उनका हक दिलाए।
खान ने सरकार की ओर से चलायी जा रही पेंशन एवं बीमा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने ई-श्रम कार्ड बनबाकर बीमा कवरेज का लाभ लेने की अपील भी की।
बुरू ने कामगारों से आह्वान किया कि इस कार्यक्रम में प्राप्त जानकारी को केवल अपने तक सीमित नहीं रखें। अपने आसपास और समाज के लोगों के बीच प्रचार-प्रसार करें। सभी तरह के मजदूर के लिए पेंशन एवं बीमा योजना है। जानकारी के अभाव में कामगार उसमें शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्हें लाभान्वित करने के लिए इसका फैलाव करें। इस कार्य में श्रमिक प्रतिनिधियों को भी आगे आने की अपील की।
इसके अलावा, सीएमपीडीआई के ‘कोयल हॉल’ में इन अधिकारियों ने ठेकेदारों, प्रधान नियोजक एवं श्रमिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। श्रम कानूनों से संबंधित जानकारी साक्षा की गई तथा प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर ठेकेदार एवं कामगार, प्रधान नियोजक एवं श्रमायुक्त एवं कल्याण आयुक्त के पदाधिकारी, सीएमपीडीआई के श्रमिक प्रतिनिधि उपस्थित थे।