टाटा स्टील की पहल : 16 महिला हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी ऑपरेटर तैनात

झारखंड बिज़नेस
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बोकारो। सभी कर्मचारियों के लिए उचित और समान अवसर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से टाटा स्टील वेस्ट बोकारो डिवीजन ने पहल की है। इसके तहत बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी प्रमुख पहल ‘‘वूमेन@माइंस’ के तहत सभी शिफ्टों में 16 महिला हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) ऑपरेटरों को तैनात किया।

इस अवसर पर वाईस प्रेसिडेंट (ह्यूमैन रिसोर्स मैनेजमेंट) अत्रेई सरकार, वाईस प्रेसिडेंट (रॉ मैटेरियल्स) डीबी सुंदर रामम, जेनेरल मैनेजर (वेस्ट बोकारो डिवीजन) मनीष मिश्रा, चीफ (ह्यूमैन रिसोर्स बिजनेस पार्टनरव चीफ डायवर्सिटी ऑफिसर) सिद्धार्थ शाह,  प्रेसिडेंट (राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ, वेस्ट बोकारो) महेश प्रसाद,  सेक्रेट्री (राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ, वेस्ट बोकारो) कैलाश गोप और कंपनी के अन्य अधिकारी आदि मौजूद थे। 

‘वूमेन@माइंस’ अकुशल महिला कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण देने और माइंस के प्रमुख कार्यों में उन्हें काम करने में सक्षम बनाने के लक्ष्य के साथ आरंभ किया गया था। इस पहल को लांच करने वाला वेस्ट बोकारो डिवीजन कंपनी का पहला कोल डिवीजन है। इसके लिए 446 से अधिक आवेदन मिले थे, जिनमें से एक लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद 16 उम्मीदवारों का चयन किया गया। इस पद पर आवेदन के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मैट्रीकुलेशन थी। अब एचईएमएम ऑपरेटर के रूप में चयनित उम्मीदवारों के हुनर को निखारने के लिए उन्हें एक वर्ष का कड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, इन महिलाओं को क्वैरी एसई में एचईएमएम परिचालित करने के लिए ऑपरेशंस असिस्टेंट के रूप में तैनात किया जाएगा। एचईएमएम में जिन्हें वे परिचालित करेंगे, उनमें डंपर, डोजर, शॉवेल, एक्सकैवेटर और ड्रिल शामिल हैं।

इस अवसर पर अत्रेई सरकार ने कहा, “टाटा स्टील ने हमेशा समुदाय के प्रतिभाशाली युवाओं को कॅरियर के अवसर प्रदान किए हैं। वेस्ट बोकारो में ‘वूमेन@माइंस’ इस यात्रा में एक और मील का पत्थर है। विविधता व समावेशन की संस्कृति को पोषित करने के लिए उद्योग-व्यापी प्रयासों पर फोकस के साथ टाटा स्टील यह सुनिश्चित करती है कि इसके  कार्यबल को एक सुरक्षित एवं सामर्थ्य निर्माण करने वाला परिवेश मिले। हमारे वेस्ट बोकारो साइट में नयी महिला रंगरूटों का स्वागत करते हुए हमें बेहद गर्व हो रहा है। हम उनके सशक्तीकरण के भावी कॅरियर की कामना करते हैं।’’

डी बी सुंदर रामम ने कहा कि हमारी ‘वूमेन@माइंस’ पहल का उद्देश्य ऐसी महिलाओं के लिए एक विस्तृत कैरियर च्वाइस प्रदान करना है, जो टाटा स्टील के विकास की कहानी का हिस्सा बनना चाहती हैं। 2019 में नोआमुंडी आयरन माइन में 22 महिलाओं के पहले बैच के सफल नियोजन ने पुरुष के दबदबे वाले इस सेक्टर में महिलाओं की व्यापक भागीदारी को गति देने के लिए हमें प्रचुर विश्वास प्रदान किया है। हम युवा प्रतिभाओं के लिए माइनिंग को एक आकर्षक और लाभदायक प्रस्ताव बनाने की दिशा में कार्य जारी रखेंगे।

इस यादगार पल की खुशी साझा करते हुए एक एचईएमए ऑपरेटर सुष्मिता मंडल ने बताया कि साइकिल, बाईक और कार चलाना सीखने से लेकर एचईएमएम चलाने के लिए तैयार तक मैंने लंबा सफर तय किया है। जब आप चुनौतियों का सामना करने का मन बना लेते हैं, तब आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं रह जाता है। मुझे इस बात की खुशी है कि अब मैं अपने पिता और अन्य पुरुष सहकर्मियों के साथ अपना वर्कस्पेस साझा करूंगी। यह अवसर क्षेत्र की सभी महत्वकांक्षी लड़कियों के लिए न केवल एक बेहतर भविष्य बुनेगा, बल्कि स्थानीय गृहणियों को भी प्रेरित करेगा।

टाटा स्टील 2025 तक 25 प्रतिशत महिला कार्यबल का लक्ष्य हासिल करने के लिए संस्थान में विविधता व समावेशन को बेहतर बनाने की दिशा में निरंतर कदम उठा रही है। कंपनी का मानना है कि कार्यस्थल पर विविधता व्यापार पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। ‘वूमेन@माइंस’ जैसी पहल एक महत्वपूर्ण सामर्थ्य-निर्माता के रूप में आपका मार्ग प्रशस्त करती है।