किसानों के खेत में ज्‍यादा समय बिताएं कृषि वैज्ञानिक : राज्यपाल

कृषि झारखंड
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  • बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय एग्रोटेक किसान मेला का समापन

रांची। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कृषि को लाभकारी बनाने के लिए वैज्ञानिकों से ज्यादा निष्ठा और समर्पण से काम करने और प्रयोगशाला से बाहर निकलकर किसानों के खेत में ज्यादा समय देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अन्नदाता खुशहाल होंगे, तब हमारा राज्य और देश खुशहाल होगा। राज्यपाल सोमवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय एग्रोटेक  किसान मेला-2025 के समापन समारोह में बोल रहे थे।

राज्‍यपाल ने कहा कि दक्षिण भारत के अधिकांश किसान साल में तीन फसल ले रहे हैं, जबकि झारखंड के बहुसंख्यक किसान वर्ष में एक ही फसल ले पाते हैं। यहां के किसान बहुत मेहनती हैं। किसी अन्य राज्य के किसान से कम नहीं हैं। जरूरत है उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन, प्रोत्साहन एवं सुविधाएं प्रदान करने की। मिट्टी के टिकाऊ स्वास्थ्य के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। कुछ गांवों को गोद लेकर आदर्श गांव के रूप में विकसित करना चाहिए, जिससे आसपास के गांव प्रेरित हों।

विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि बहुत कम लाभ के कारण किसान खेती छोड़ रहे हैं। उन्हें इस प्रोफेशन में बनाये रखने के लिए कृषि कार्य को लाभकारी बनाने के साथ-साथ किसानों को उचित सामाजिक पहचान, सम्मान, पुरस्कार और गरिमा प्रदान करने की जरूरत है।

कांके के विधायक सुरेश बैठा ने बीएयू के आकस्मिक मजदूरों की नियमित नियुक्ति के लिए नियम बनाने, कांके के पोटपोटो एवं जुमार नदी में लिफ्ट सिंचाई सुविधा विकसित करने का आग्रह कृषि विभाग से किया।

कृषि सचिव अबूबकर सिद्दीख पी ने कहा कि दलहन, मिलेट्स, पुष्प उत्पादन सहित बागवानी फसलों, मत्स्य उत्पादन एवं पशुपालन की झारखंड में काफी संभावनाएं हैं। संगठित बाजार की मांग के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण उत्पाद समय पर उपलब्ध कराने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि जेपीएससी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति होते ही बीएयू के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति का प्रयास किया जायेगा।

डॉ श्यामा प्रसाद मुख़र्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने जय जवान, जय किसान के साथ-साथ जय विज्ञान एवं जय अनुसंधान के नारे को अमली जामा पहनाने की दिशा में गंभीर प्रयास पर जोर दिया।

स्वागत भाषण करते हुए बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने विश्वविद्यालय की गतिविधि और उपलब्धियों की चर्चा की। कहा कि मेला में भागीदारी के लिए 3000 किसानों ने पंजीकरण कराया। लगभग 15 हज़ार लोगों ने भाग लिया।

बागवानी प्रदर्शनी में एक हज़ार से अधिक प्रविष्टियां आयीं, जिनमें से 208 लोगों को पुरस्कृत किया गया। पशु प्रदर्शनी में 154 लोगों ने भाग लिया, जिनमें से 43 लोगों को पुरस्कृत किया गया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पदाधिकारियों के शत प्रतिशत पद, शिक्षकों- वैज्ञानिकों के 80 प्रतिशत, कृषि विज्ञान केन्द्रों के 70 प्रतिशत और शिक्षकेतर कर्मियों के 60 प्रतिशत पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं। इससे संस्था का कामकाज प्रभावित हो रहा है।

इस अवसर पर उन्नत कृषि एवं पशुपालन के लिए राज्य के छह किसानों- शिवनाथ एवं गणेश राम (मेराल, गढ़वा), बसंत कुमार रवि एवं संगीता देवी (रामगढ़), मेरी सोरेन (सुंदर पहाड़ी, गोड्डा), नरेश कुमार महतो (धनबाद) पुरस्‍कृत किया गया। बागवानी प्रदर्शनी में राजभवन उद्यान के नीलेश और आईटीबीपी के अजित को सम्मानित किया गया।

बीएयू के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ जगरनाथ उरांव ने धन्यवाद और शशि सिंह ने संचालन किया।

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