सचिव को प्रारंभिक शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराया संघ ने

झारखंड शिक्षा
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रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, झारखंड प्रदेश का शिष्‍टमंडल स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव राहुल शर्मा से 11 अगस्‍त को मिला। उन्‍हें प्रदेश के प्रारंभिक शिक्षकों की ज्वलंत समस्याओं से अवगत कराया। कोविड संक्रमण काल में शिक्षकों की ऑनलाइन बायोमेट्रिक उपस्थिति के निर्देश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। शिष्‍टमंडल में अध्यक्ष विजेंद्र चौबे और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने मौजूद थे।

शिष्‍टमंडल ने बताया कि टैब ऑन करने पर पूर्व मुख्यमंत्री का स्लोगन आ रहा है। इसपर सचिव ने कहा कि यह सरकार के संज्ञान में है। कारवाई की जाएगी। शिष्‍टमंडल ने बताया कि राज्य के कई प्रारंभिक शिक्षक दो या अधिक वर्षों से निलंबित हैं। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि एक शिक्षक 16 वर्ष से निलंबित है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वैसे शिक्षक को तत्काल निलंबन मुक्त किया जाएगा। एक-दो दिनों में पत्र जारी कर दि‍या जाएगा।

पदधारियों ने बताया कि शिक्षकों के प्रमोशन और प्रधानाध्यापक के स्वीकृत 3192 पदों के विरुद्ध मात्र 144 कार्यरत हैं, जबकि 3046 पद रिक्त है। राज्य के 95 फीसदी मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं। अंतर जिला स्थानांतरण और उर्दू शिक्षकों को योजना से गैर योजना मद में परिवर्तन करने पर समुचित कार्रवाई करने का भरोसा सचिव ने दिलाया।

गढ़वा जिला में सोशल ऑडिट के नाम पर एक सौ शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने की जानकारी सचिव को दी गई। यह उनके संज्ञान में नहीं था। सदस्‍यों ने बताया कि कई जिलों में डीएसई का पद रिक्त है। कार्य प्रभार में चल रहा है। सचिव ने कहा कि ऐसे जिलों में डीएसई की पोस्टिंग के लिए संचिका सरकार के समक्ष विचाराधीन है।

सदस्‍यों ने कहा कि कोरोना महामारी पीरियड में प्रदेश के अधिकतर शिक्षकों ने कार्य किया है। इसपर सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के निर्णय पर शिक्षकों को एक माह के भुगतान पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। उक्त सभी समस्याओं को लेकर पुनः 18 अगस्त को अपराह्न 2 बजे वार्ता के लिए संघ को आमंत्रित किया गया है।