रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर कैमरून में फंसे झारखंड के 47 प्रवासी श्रमिकों में से 11 की सुरक्षित वापसी हो गई। सभी श्रमिकों को श्रम विभाग ने उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया। बाकी बचे 36 श्रमिकों की वापसी भी सुनिश्चित की जा रही है।
यह है मामला
मालूम हो कि सेंट्रल अफ्रीका के कैमरून के मेसर्स ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड में कार्यरत झारखंड के हजारीबाग, बोकारो एवं गिरिडीह जिला के 47 श्रमिकों के वेतन भुगतान और कंपनी द्वारा अच्छा व्यवहार नहीं किए जाने की जानकारी मुख्यमंत्री को प्राप्त हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया था।
मामले का सत्यापन किया
राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने त्वरित कार्रवाई करते हुए श्रमिकों और संबंधित कंपनी से संपर्क कर मामले का सत्यापन किया। मामले के सत्यापन के बाद श्रम सचिव मुकेश कुमार एवं कमिश्नर संजीव कुमार बेसरा के निर्देश पर संबंधित जिलों के श्रम अधीक्षकों ने नियोजकों/नियोक्ताओं और बिचौलियों (मिडिलमैन) के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया। फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की गई।
पारिश्रमिक का भुगतान
कंट्रोल रूम की टीम लगातार ई-मेल और फोन के माध्यम से अधिकारियों, कंपनी एवं श्रमिकों से संपर्क करते हुए श्रमिकों का 39,77,743 बकाया रुपये का भुगतान कराया गया है। इसके बाद 27 दिसंबर 2024 को 47 श्रमिकों में से 11 श्रमिकों का पहला समूह कैमरून से भारत के लिए सुरक्षित वापसी कर हुई। झारखंड पहुंचने पर श्रम विभाग के अधिकारियों ने श्रमिकों का स्वागत बिरसा हवाई अड्डे पर किया।
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