गया। बड़ी खबर बिहार से आई है, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को बड़ा झटका लगा है। उनकी पार्टी के 100 नेताओं और वर्कर्स ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।
गया जिले के इन नेताओं ने आरोप लगाया है कि पार्टी के बड़े नेता उन पर ध्यान नहीं देते हैं, सिर्फ कुछ लोगों को खास वजह से सम्मान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान सिर्फ बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का नारा देते हैं। पार्टी में जमीनी कार्यकर्ता को महत्व नहीं दिया जाता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के वक्त नेताओं ने कहा कि अब हम आगे की रणनीति बनाएंगे।
एलजेपी (रा) के युवा विंग के जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार ने कहा, ‘पार्टी में उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। प्रदेश स्तर पर कोई भी नेता उनकी समस्याएं नहीं सुनता। सिर्फ एक खास गुट के लोगों की ही बात सुनी जाती है।’
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘बेलागंज में हुई मारपीट की घटना में चिराग पासवान खुद गए थे। लेकिन टिकारी में हुई हत्या की घटना पर पार्टी का कोई भी नेता नहीं पहुंचा।
एक युवा नेता की मां एम्स में भर्ती थीं, लेकिन पार्टी ने उनके इलाज में कोई मदद नहीं की। ऐसे कई मौकों पर उन्हें उपेक्षित और अपमानित महसूस कराया गया। इसलिए हमने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया।’
मुकेश कुमार ने भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर बताया कि सभी लोग जल्द ही एक बैठक करेंगे और आगे का रोड मैप तैयार करेंगे। एक साथ 100 युवा नेताओं के इस्तीफे से गया में चिराग पासवान की पार्टी को जरूर झटका लगा है।
यही नेता गांव-गांव घूमकर पार्टी की विचारधारा को आम लोगों तक पहुंचाते हैं। लोगों को बताते हैं कि उनकी पार्टी कैसे अन्य दलों से अलग है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस स्थिति से कैसे निपटती है।