रांची। प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा कि हेमंत सोरेन और कांग्रेस के लोग जो यहां घूम रहे हैं, उन्हें इस बात का सीधा जवाब देना होगा कि वे धारा 370 और 35ए हटाने के पक्ष में हैं या विरोध में। 5 अगस्त, 2019 को इसे जम्मू कश्मीर से हटाया गया। उसके बाद 5 सालों में जम्मू कश्मीर में विकास की यात्रा देखी है। वहां आतंकवाद की घटनाओं में 70 फ़ीसदी की कमी आई है। नागरिकों की मृत्यु में 80% की कमी आई। पर्यटकों में 300% की वृद्धि हुई। जम्मू कश्मीर का बजट 17 फ़ीसदी बढ़ गया। पत्थरबाजी की घटना बिल्कुल बंद हो गई। वे 8 नवंबर को भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बात कर रहे थे।
प्रो वल्लभ ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणा पत्र में आरक्षण को समाप्त करने की बात कही थी और कांग्रेस ने उसका समर्थन किया था। राहुल गांधी अमेरिका में बोल ही चुके हैं कि वे आरक्षण को खत्म करने का प्लेन बनाना चाहते हैं। हेमंत सोरेन को इस बात का जवाब देना होगा कि उनकी पार्टी के बैनर में जिस नेता की तस्वीर लगी हुई है, वह आरक्षण को क्यों खत्म करना चाहते हैं। धारा 370 की बहाल क्यों करना चाहते हैं। जम्मू कश्मीर की शांति की यात्रा में क्यों अवरोध बनाना चाहती हैं। इस मामले में हेमंत सोरेन को भी जवाब देना होगा, क्योंकि कांग्रेस उनकी महत्वपूर्ण सहयोगी है। क्या हेमंत सोरेन भी आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं, इसका जवाब उन्हें देना होगा।
प्रो वल्लभ ने कहा कि झारखंड में पिछले 5 साल से घुसपैठिया स्वागत योजना चल रही है, जिसमें घुसपतियों का रेड कारपेट स्वागत होता है। यह योजना 23 नवंबर को बंद हो जाएगी। इसे योजना के जो लाभार्थी अंदर घुस गए हैं, उन्हें चुन चुन कर चिन्हित करके वापस झारखंड के बाहर भेजा जाएगा। यह जल, जंगल, जमीन झारखंड के लोगों की है, घुसपैठियों की नहीं है। वोट बैंक की खातिर हेमंत सोरेन और उनके प्रशासन ने उन्हें बसाने का काम किया है। गांव के गांव बसाए हैं। उस योजना को अब समाप्त करने का समय आ गया है। जिस तरह से पूरे झारखंड सूचना आ रही है भारतीय जनता पार्टी अब तक के सबसे बेहतर प्रदर्शन के साथ 23 नवंबर को सरकार बनाने जा रही है।
श्री वल्लभ ने कहा कि हेमंत सोरेन कांग्रेस के भ्रष्टाचार के साथ खड़े रहे। आज देश विरोधी ताकतों के साथ कांग्रेस पार्टी, जो हेमंत सोरेन की एलाइंस है, खड़ी है। जम्मू कश्मीर विधानसभा में जो प्रस्ताव पारित हुआ, उससे यह साबित होता है।
प्रो वल्लभ ने कहा कि कल विधानसभा में जो भी कुछ हुआ, वह पाकिस्तान और देश विरोधी लोगों को खुश करने के लिए किया गया। जम्मू-कश्मीर की जनता को गुमराह करने के लिए किया गया। आज जो देश की एकता के लिए खड़े हैं. जम्मू-कश्मीर वे विकास और शांति के पक्ष में खड़े हैं, उन्हें मार्शल के जरिये बेरहमी से जम्मू-कश्मीर विधानसभा से बाहर निकाला जा रहा है। कांग्रेस-एनसी, पीडीपी – ये सब जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद को लाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि धारा 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है। नागरिकों की मृत्यु में भी लगभग 80% की कमी आई है। विदेशी नागरिकों के पर्यटन में 300 प्रतिशत का उछाल आया है। जम्मू-कश्मीर का बजट 17 प्रतिशत बढ़ा है। पत्थरबाजी की घटना बिलकुल बंद हो गई। आतंकवादी घटनाएं दो-तीन जिलों में ही सिमट कर रह गई। जहां पहले 5-7 प्रतिशत मतदान होता था, वहां भी 50 प्रतिशत मतदान होने लगा।
जो पहले अलगाववाद और आतंकवाद की वकालत कर रहे थे, वे भी अब हिंदुस्तान के संविधान के आईन में लोकतंत्र को मजबूती देते हुए वोट मांगते दिखाई दिए। जी-20 की बैठक जम्मू-कश्मीर में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। जम्मू-कश्मीर को 80 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मिला। 56,000 करोड़ रुपये का निवेश आया। आजादी से लेकर धारा 370 के हटने तक जम्मू-कश्मीर में जितना निवेश आया, उसकी तुलना में तीन गुना निवेश पिछले 4 सालों में जम्मू-कश्मीर में हुआ।
प्रो वल्लभ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस विधायक दल के नेता और झारखंड के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को कम करने और विभाजन के खिलाफ लोगों की नाराजगी का समर्थन किया था और किया है। गुलाम अहमद मीर ने एक तरह से प्रस्ताव का समर्थन किया, कांग्रेस विधानसभा में इस प्रस्ताव के समर्थन में खड़ी नजर आई। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 को हटाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। कांग्रेस के एक और पुराने नेता सैफुद्दीन सोज ने प्रेस रिलीज करके इस प्रस्ताव का समर्थन किया है।
इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा, सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाईक और तारिक इमरान भी मौजूद थे।
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