रांची। संतोष कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग एंड एजुकेशन के बीएड एवं डीएलएड इकाई ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन 10 सितंबर को किया। इसका विषय आत्महत्या संबंधी विचारों को बदलना था। मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक एवं काउंसलर डॉ भूमिका सच्चर उपस्थित थीं।
डॉ भूमिका ने कहा कि मानव जीवन अनमोल है। तनाव, दबाव, द्वंद एवं व्यस्त जीवन शैली ने मानव व्यवहार को प्रभावित किया है। आत्महत्या के विचारों को अंकुश लगाने में परिवार, समाज, संबंधियों एवं शिक्षकों की भूमिका अहम होती है।
डॉ भूमिका ने अपने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से आत्महत्या संबंधी विचारों के विभिन्न कारणों एवं इसकी रोकथाम संबंधी उपायों के बारे में बताया। इंटरएक्टिव सेशन में विद्यार्थियों ने उपस्थित विशेषज्ञ से प्रश्न किया, जिसका जवाब उन्होंने दिया।
कार्यशाला में सेंटर फॉर बायोइन्फॉर्मेटिक्स (पॉलिटेक्निक कॉलेज), स्नेहकुल पब्लिक हाई स्कूल, संतोष कॉलेज ऑफ नर्सिंग के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने भाग लिया।
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