रांची। पिठोरिया के सुतियांबे गढ़ में बारह पड़हा ईंद मेला पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ सोमवार को मनाया गया। मेला में गोवर्धन पहाड़ की तरह एक टोपाकार आकृति बनाकर खड़ा करने की परंपरा है। ईंद टोपर की पूजा गांव के पहान और पंडित ने की। क्षेत्र की खुशहाली के लिए पाहन ने बकरे की बलि दी। टोपर की पूजा अर्चना की।
मुख्य अतिथि भाजपा नेता स्वामी देवेन्द्र प्रकाश, ईंद मेला समिति के अध्यक्ष रंजीत टोप्पो, कार्यकारी अध्यक्ष सोहराई टोप्पो, पड़हा राजा उज्ज्वल पाहन, मुख्य संरक्षक पेपला उरांव, महासचिव भादी प्रकाश उरांव, सचिव सुरज टोप्पो, कोषध्यक्ष योगेन्द्र उरांव ने संयुक्त रूप से मेले का उद्घाटन किया।
मुख्य अतिथि स्वामी देवेन्द्र प्रकाश ने कहा कि झारखंड में जतरा का विशेष महत्व है। जतरा के माध्यम से आदिवासी भाई-बहन दूर दराज से आकर मिलते जुलते हैं। इस समागम से आपसी सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा मिलता है।
कांके सरना समिति के अध्यक्ष रंजीत टोप्पो ने कहा कि ईंद मेला की शुरुआत मुंडा राज के अंतिम राजा मदरा मुंडा ने करमा परब के बाद अपनी राजधानी सुतियाम्बे गढ़ में की थी।
क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण मेला में भीड़ की कमी देखी गई। साथ ही क्षेत्र के कई खोड़हा दल भी नहीं पहुंच सके। हालांकि, आयोजन स्थल पर मेला समिति और प्रशासन एवं सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया था।
मेला को सफल बनाने में आयोजन समिति के अध्यक्ष रंजीत टोप्पो, कार्यकारी अध्यक्ष सोहराई टोप्पो, महासचिव भादी प्रकाश उरांव, सचिव सुरज टोप्पो, कोषाध्यक्ष योगेन्द्र उरांव, राजेश तिर्की, मतियस उरांव, बाबूलाल महली, सुरेश टोप्पो, दरिद्रचन्द्र पाहन, सुरज मुंडा, बलराज मुंडा, विकास मुंडा, अभिषेक मुंडा, रामलाल महली, विष्णु मुंडा आदि की सक्रिय भूमिका रही।
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