- आम जनता से दुर्व्यवहार और बदतमीजी करने वाले पुलिसकर्मी भी नपेंगे
- डीजीपी ने सभी वरीय पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षकों को दिया निर्देश
रांची। एफआईआर दर्ज नहीं करने वाले थाना प्रभारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई होगी। आम जनता से दुर्व्यवहार और बदतमीजी करने वाले पुलिसकर्मियों के विरूद्ध भी कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सभी वरीय पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षकों को 1 सितंबर को निर्देश दिया।
डीजीपी ने आदेश में लिखा है कि विभिन्न सूत्रों से ऐसी जानकारियां प्राप्त हो रही है कि राज्य के अनेक जिलों में थाना प्रभारी एवं थाना के अन्य कर्मी विशेषकर मुंशी, आम जनता से अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं। जनता की शिकायतों पर थाना में प्राप्ति रसीद भी नहीं देते हैं, जिसके चलते मुक्तभोगी भटकते रहते हैं। उन्हें उचित न्याय नहीं मिल पाता है।
डीजीपी ने पत्र में लिखा है कि सभी पुलिसकर्मियों को जानकारी दिये जाने की आवश्यकता है कि वे समाज और जनता के सेवक एवं सुरक्षाकर्मी हैं, ना कि उनके मालिक। पुलिसकर्मियों को इसी भाव से अपनी ड्यूटी करनी चाहिए।
ये निर्देश दिए
- यदि कोई साइबर अपराध, एसटी/एससी, ह्यूमैन ट्रैफिकिंग एवं महिला अपराध से संबंधित भुक्तभोगी किसी आम थाने पर जाता है, तो उसे क्रमशः साइबर, एसटी/एससी, एएचटीयू या महिला थाना में जाने की सलाह दी जाती है, जो कि पूर्णतः गलत है। यदि किसी जिले में अपराध विशेष उद्धरण महिला अपराध, साइबर अपराध के लिए अलग से थाना खुला है, उसका ये मतलब कतई नहीं है कि जिले के अन्य थानों में इस संबंध में एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। सभी वरीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया जाता है कि जैसे ही इस प्रकार का कोई दृष्टांत मिले तो अविलंब उक्त थाना प्रभारी को थाना से हटा दिया जाय। उनके विरूद्ध कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाय।
- उल्लेखनीय है कि बीएनएसएस-173 में स्पष्ट प्रावधान है कि अपराध किया गया क्षेत्र पर विचार किये बिना, थाना प्रभारी द्वारा एफआईआर/0एफआईआर दर्ज किया जाय। यदि कोई थाना प्रभारी इसका अनुपालन नहीं करता है तो स्पष्ट है कि वो कानून का उल्लंघन कर रहा है।
- सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक एवं सभी पुलिस अधीक्षक अपने-अपने जिला और क्षेत्र में ऐसी व्यवस्था कायम करें कि आम जनता अपनी शिकायत को वरीय अधिकारियों (पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक/पुलिस अधीक्षक) के पास दर्ज करा सके। विशेषकर जहां पर थाना प्रभारियों द्वारा उनके वाद पर आवश्यक कार्रवाई नहीं की जाती है।
- सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक एवं क्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षक को सख्त निर्देश दिया जाता है कि वे भ्रमण के क्रम में थानेदारों और थाने पर पदस्थापित अन्य कर्मी को आम जनता के प्रति अच्छा व्यवहार करने के लिए निर्देशित करें। आम जनता के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों को चिन्हित करें। अविलंब थाना से हटा दें।
ये है डीजीपी का पत्र
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