रांची। कांके प्रखंड के चामगुरु गांव में ईंद मेला पारंपरिक रूप से रविवार को मनाया गया। मेले में चामगुरु, खटंगा, सिरांगो, गाड़ी गांव, बिरसा चौक रांची, ओखरगढ़ा, सुंडील, सेमरटोली सहित कई गांव के खोड़हा शामिल हुए। गांव के पाहन ने बकरे की बलि देकर विधिवत पूजा अर्चना की गई।
इससे पूर्व मुख्य संरक्षक जगरनाथ उरांव, मेला समिति के अध्यक्ष किशुन लिंडा, उपाध्यक्ष राजू उरांव, सचिव उमेश तिर्की, कोषाध्यक्ष चन्द्रदेव उरांव ने संयुक्त रूप से मेले का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि कुंदरसी मुंडा ने कहा कि कोई भी पर्व त्योहार समाज को एकसूत्र में बांधे रहने का अवसर प्रदान करते हैं। करम डाली को आदिवासी समाज करम देवता के रूप में पूजते हैं। यह पर्व झारखंडी जीवन दर्शन और संस्कृति का मूल मर्म है। करम प्रकृति को बचाने, उसे समृद्ध करने और जिंदगी को प्रवाह देने वाला पर्व है।
इसके अतिरिक्त जगरनाथ उरांव, सुरेन्द्र लिंडा, चमन तिर्की, कमांडो उरांव ने मेला को संबोधित किया। इसके अलावा अतिथियों द्वारा मेला में शामिल खोड़हा दल को नकद राशि देकर सम्मानित किया गया। मेला को सफल बनाने में सुकरा उरांव, रमेश तिर्की, प्रवीण बांडो, राजेश उरांव, रंजीत तिर्की, नयन उरांव, भगत तिर्की, डब्बू उरांव, संजय तिर्की, रंजीत लिंडा, ललीत तिर्की, अनिल तिर्की आदि शामिल थे।
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