रांची। झारखंड प्रदेश भारतीय मजदूर संघ (BMS) का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से भेंटकर ज्ञापन सौंपा। इसमें एचईसी के कर्मियों के बकाए वेतन का मामला भी उठाया गया। वेतन भुगतान के लिए पहल करने की मांग की गई।
प्रतिनिधिमंडल में भारतीय मजदूर संघ झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष बलिराम यादव, महामंत्री राजीव रंजन सिंह, संगठन मंत्री ब्रजेश कुमार, वित्त सचिव चंदन प्रसाद शामिल थे।
एचईसी
- बीते 24 माह से एचईसी में कार्यरत स्थायी-अस्थायी कर्मचारी और इंजीनियरों को वेतन नहीं मिला है। उसे अति शीघ्र दिया जाए।
- राज्य का सबसे महत्वपूर्ण उद्योग (उद्योगों की मां) होने के नाते एचईसी को रिवाइवल पैकेज दिया जाय।
- पूर्णकालिक मुख्य प्रबंध निदेशक दिया जाए I
कोयला व अन्य खान
- आयरन ओर किरीबुरू, मेघातुबुरु, चिड़िया और गुआ के माइंस के लिए लीज पर आगे जमीन नहीं मिलने से वहां ठेका पर काम करने वाले मजदूरों के रोजगार की समस्या खड़ी हो गई हैं। लीज की समस्या को समाप्त कर मजदूरों के रोजगार की समस्या को हल किया जाए। उद्योग और माइंस को बचाया जाए।
- कोयला, बाँक्साइड, कॉपर के माइंस के लिए लीज पर जमीन उपलब्ध कराकर इन उद्योग और उसमें कार्यरत मजदूरों का रोजगार सुरक्षित किया जाए।
असंगठित क्षेत्र
- बीओसी कल्याण बोर्ड में भवन निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए भवन निर्माण के लागत से श्रमिक सेस द्वारा बोर्ड में फंड जुटाने का प्रावधान है। भारत में 10 लाख रुपये तक की लागत से बने मकान पर 1% श्रम सेस लिया जाता था। इससे बोर्ड में पर्याप्त फंड रहता था। भारत सरकार ने कानून में यह प्रावधान किया है कि 50 लाख रुपये और उससे ऊपर की लागत से बने मकान पर ही 1% श्रम सेस लिया जा सकता है। 50 लाख रुपये से कम लागत से बने मकान पर श्रम सेस समाप्त कर देने से बीओसी कल्याण बोर्ड का फंड कम हो गया है। इसके कारण पर्याप्त फंड नहीं जुट पाने से भवन निर्माण श्रमिकों की आर्थिक व सामाजिक सहयोग नहीं हो पा रहा है। अतः पुरानी श्रम सेस व्यवस्था लागू की जाए।
- सहिया बहनों को प्रोत्साहन राशि के नाम पर मात्र 2000 रुपये दिए जाते हैं। उनका प्रोत्साहन बढ़ाकर 5000 किया जाएI
- झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने सेविका और सहायिका के मानदेय एवं पोषाहार की राशि महीने की 5 तारीख तक उनके खाते में आने चाहिए।
- आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय की वार्षिक वृद्धि सेविका का 500 और सहायिका 250 को 1000 और 500 रुपये मध्य प्रदेश की तर्ज पर किया जाए।
- उम्र की बाध्यता को समाप्त कर 50% आंगनबाड़ी सेविकाओं को पर्यवेक्षक और सहायिकाओं को सेविका पद पर नियुक्ति किया जाए।
- ओडिशा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर सेविकाओं को रिटायरमेंट के बाद 5 लाख और सहायिकाओं को रिटायरमेंट के बाद ढाई लाख रुपये एक मुश्त दिया जाए।
- पोषण ट्रैक्टर में काम करने वाली सेविका को मोबाइल खरीदने के लिए 20,000 और रिचार्ज करने के लिए प्रति माह 300 रुपये दिया जाए।
- आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं को ग्रेजुएटी देने और सेविका सहायिकाओं की गर्मी छुट्टी पुनः बहाल की जाए।
- बीएलओ के कार्य से मुक्त किया जाए।
- पिछले दो वर्षों से लंबित आंगनवाड़ी कार्यालय भवन का किराया अति शीघ्र दिया जाए।
को-ऑपरेटिव
- झारखंड राज्य सहकारी बैंक प्रदेश की एक महत्वपूर्ण वित्तीय संस्था है। बैंक में कर्मचारियों के लिए विस्तृत सेवा संहिता, स्थानांतरण नीति का निर्माण हो। साथ ही नियम के अंतर्गत बैंक के निदेशक मंडल में न्यूनतम 50% प्रोफेशनल निदेशक के मानदंड को लागू किया जाय।
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