पहाड़ी मंदिर की मरम्मत और पुनर्विकास पर खर्च होंगे 6.73 करोड़

झारखंड
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  • रांची उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने दी स्वीकृति
  • 31 मार्च, 2026 तक योजना पूर्ण कराने का आदेश

रांची। राजधानी रांची स्थित पहाड़ी मंदिर की मरम्मत एवं पुनर्विकास कार्य के लिए 6 करोड़ 73 लाख 6 हजार 700 रुपये की प्रशासनिक स्वीकृत प्रदान की है। इस राशि में पहाड़ी मंदिर की मरम्मत एवं पुनर्विकास पर 424.543 लाख और गार्ड वॉल व बॉउंड्री वॉल निर्माण पर 248.524 लाख रुपये खर्च होंगे। रांची उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने विभागीय सचिव के पत्र के आलोक इसकी स्वीकृति प्रदान की है।

योजना के क्रियान्वयन के लिए कार्यपालक अभियंता, एनआरईपी-1, रांची को कार्यकारी एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है, जो मुख्य अभियंता, रांची झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा तकनीकी स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार ही योजना का क्रियान्वयन करायेंगे।

उपायुक्त ने उक्त योजना के लिए अनुमोदित प्राक्कलन के अनुरूप टेंडर मंगाकर 31 मार्च, 2026 तक योजना पूर्ण कराना सुनिश्चित करने को कहा। कार्यकारी एजेंसी द्वारा योजना स्वीकृति के बाद 7 दिनों के अन्दर टेंडर निकालने और टेंडर प्राप्ति की तिथि के अगले 5 दिनों के अन्दर निविदा का निष्पादन करने का आदेश दिया गया है। निविदा निष्पादन में किसी प्रकार की कठिनाई की स्थिति उत्पन्न होने पर कार्यकारी एजेंसी को तत्काल सूचना उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।

उपायुक्त द्वारा योजना के प्राक्कलन में दी गई विशिष्टियों एवं गुणवत्ता के अनुरूप कार्य कराने एवं बिना अनुमति के प्रावधानों में किसी प्रकार का विचलन न करते हुए अन्य विभागीय नियमों का अक्षरशः अनुपालन करना सुनिश्चित करने को कहा गया है।

योजना के कार्यान्वयन के लिए कार्यपालक अभियंता, एनआरईपी-1 को निम्न आदेश दिये गये हैं।

  • योजना कार्य के कार्यान्वयन के लिए धार्मिक स्थल कार्य से संबंधित कार्यानुभव होना अनिवार्य है। योजना का कार्यान्वयन प्रशासनिक स्वीकृति की राशि के अंतर्गत तकनीकी स्वीकृति प्रदत्त प्राक्कलन के अनुरूप एवं निर्धारित समय-सीमा में ही कराया जायेगा। विभाग के अनुमोदनोपरांत ही प्रशासनिक स्वीकृति की राशि से अधिक का कार्य कराया जायेगा तथा योजना पुनरीक्षण सामान्यतः नहीं किया जायेगा तथापि अति आवश्यकता होने पर अपवाद की स्थिति में पूर्ण औचित्य स्पष्ट करते हुए सक्षम स्तर से पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त किया जायेगा।
  • यदि प्रश्नगत योजना का कार्य किसी अन्य मद की राशि से स्वीकृत की गई है या इस कार्य पर किसी अन्य मद से राशि का व्यय किया गया है तो इस प्रशासनिक स्वीकृति के आलोक में प्राप्त आवंटन की राशि का व्यय नहीं किया जायेगा।
  • योजनाओं का निरीक्षण संबंधित कार्यकारी एजेन्सी द्वारा नियमित रूप से किया जायेगा एवं अभिलेख में तिथि के साथ निरीक्षण टिप्पणी अंकित किया जायेगा।
  • कार्यकारी एजेंसी द्वारा समय-समय पर योजना का भौतिक सत्यापन किया जायेगा। प्रत्येक माह, मासिक प्रगति प्रतिवेदन (भौतिक एवं वित्तीय) जिला खेल पदाधिकारी-सह-पर्यटन, संस्कृति नोडल पदाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे।
  • विषयांकित योजना कार्य में मंदिर (पहाड़ी मंदिर) के मूल संरचना में किसी भी प्रकार का कार्य नहीं किया जाएगा।
  • कार्यकारी एजेंसी निर्मित्त होने वाली संरचनाओं तक दिव्यांगों को बाधा रहित पहुंच सुनिश्चित करेंगी।
  • कार्यकारी एजेंसी योजना में कार्य प्रारंभ करने के पूर्व यह सुनिश्चित करेंगे कि योजना के लिए सार्वजनिक भूमि उपलब्ध है। इन योजना में पिछले पांच वर्षों से किसी भी अन्य विभाग/मद से कार्य नहीं हुआ है। इस आशय का विवरण कार्यकारी एजेंसी द्वारा योजना अभिलेख में भी अंकित किया जायेगा।
  • योजना के निर्माण कार्यों का फोटोग्राफी तीन चरणों में अक्षांश/देशांतर के साथ यथा कार्य प्रारंभ, मध्य में एवं पूर्ण होने पर कराना सुनिश्चित करेंगे एवं उपलब्ध करायेंगे। सभी फोटोग्राफ अभिलेख में विधिवत् अंगीकृत किया जाय। साथ ही योजना का सक्सेस स्टोरी तैयार कर उपलब्ध करायेंगे।
  • योजना कार्यान्वयन सरकारी भूमि पर कराया जाएगा। आवश्यतानुसार वन विभाग/अन्य सरकारी एजेंसी से भूमि उपयोग के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लिया जाय।
  • संवेदक के साथ एकरारनामा से पूर्व यह सुनिश्चित करेंगे कि यदि योजना वन भूमि पर हो तो नियमानुसार वन प्रमंडल पदाधिकारी, रांची से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के पश्चात् ही एकरारनामा एवं कार्य प्रारम्भ करेंगे।
  • योजना स्थल पर कार्यकारी एजेंसी द्वारा स्थाई ईंट बोर्ड लगाया जायेगा, जिसमें कार्यकारी एजेंसी का नाम, योजना का नाम, प्राक्कलित राशि, कार्य प्रारंभ एवं समाप्ति की तिथि, सहायक एवं कनीय अभियंता का नाम अंकित किया जायेगा। इसका फोटोग्राफ (अक्षांश/देशांतर के साथ) कार्यकारी एजेंसी के द्वारा जिला पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद शाखा को उपलब्ध कराया जायेगा।
  • योजना का कार्य स्थल किसी भी परिस्थिति में अपने स्तर से नहीं बदला जाएगा। कार्य के संबंध में संबंधित सामग्रियों का क्रय उनकी गुणवत्ता को दृष्टिकोण में रखते हुए प्रसंगाधीन नियमों यथा पीडब्ल्यूडी कोड के प्रावधानों के अनुरूप ही किया जायेगा।
  • योजनाओं के कार्यान्वयन के पूर्व संबंधित कार्यकारी एजेन्सी यह सुनिश्चित कर लेंगे कि योजना सार्वजनिक हित की है एवं उपयोगी योजना है। योजना कार्य में एक ही ग्राम/स्थान पर किसी भी प्रकार का डुप्लीकेशन ऑफ वर्क नहीं है। इसके लिए पूर्णतः जिम्मेवार कार्यकारी एजेंसी होंगे।
  • कार्यकारी एजेन्सी योजनाओं का मासिक वित्तीय एवं भौतिक प्रतिवेदन प्रत्येक माह के पहली तारीख तक जिला खेल पदाधिकारी-सह-पर्यटन, संस्कृति नोडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
  • कार्यकारी एजेन्सी योजना का अभिलेख एवं मापी पुस्तिका संधारण करेंगे। सरकारी नियमानुसार रॉयल्टी एवं अन्य कटौती करना सुनिश्चित करेंगे।
  • कार्यकारी एजेंसी योजना के कार्यान्वयन के क्रम में वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर निर्गत वित्तीय वर्ष अनुदेशों, वित्त नियमावली, झारखंड कोषागार संहिता, झारखंड लोक निर्माण संहिता तथा मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग एवं पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवाकार्य विभाग द्वारा समय-समय पर निर्गत अनुदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
  • कार्यकारी एजेंसी पूर्ण योजना का पूर्णता प्रमाण-पत्र/संतुष्टता प्रमाण-पत्र एवं व्यय की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र विहित प्रपत्र में भेजना सुनिश्चित करेंगे। कार्यपालक अभियंता, एनईआरपी-1, रांची योजना पूर्ण होने पर अंतिम सत्यापन स्वयं करेंगे।
  • योजनाओं के कार्यान्वयन में किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में कार्यकारी एजेंसी कार्रवाई के पात्र होंगे।

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