रांची। यूजीसी के निर्देश पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में आपातकालीन जीवन रक्षक विधि पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। बीएयू के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ यूएस वर्मा ने कहा कि प्रतिवर्ष एक करोड़़ लोगों की मृत्यु हार्ट अटैक और 10 लाख मृत्यु कार्डियक अरेस्ट से होती है। कार्डियक अरेस्ट में जब कोई अचानक बेहोश हो जाए तो 3 से 10 मिनट का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। ऐसी स्थिति में मरीज कुछ बोल नहीं पा रहा हो तो तुरंत 911 नंबर पर या डॉक्टर, हॉस्पिटल, मित्र, मेडिकल इमरजेंसी को संपर्क करें। मरीज का कॉलर, बेल्ट एवं कपड़ा ढीला कर बायीं ओर छाती के नीचे अपने बाएं हाथ के ऊपर दाहिना हाथ रखकर 30 बार पंप करें। उसके बाद अपने मुंह में हवा भरकर दो बार मरीज के मुंह में ब्लो करें। यह क्रिया तीन बार दुहराएं।
डॉ वर्मा ने कहा कि हर व्यक्ति घर, परिवार, मोहल्ला, संस्थान और समाज के लिए महत्वपूर्ण होता है। ऐसे प्रयासों से एक तिहाई लोगों को मृत्यु से जरूर बचाया जा सकता है। सादा, सुपाच्य, संतुलित और पौष्टिक आहार लेकर, अल्कोहल एवं ओवरइटिंग से बचकर तथा सुविचार, अच्छी नींद एवं सकारात्मक सोच के साथ बहुत से रोगों की संभावना न्यूनतम की जा सकती है। योग, व्यायाम, प्राणायाम, वॉक दैनिक रूटिंग का अंग होना चाहिए।
इस अवसर पर कुलपति डॉ एससी दुबे ने हॉस्टल के विद्यार्थियों को आपस में बेहतर ढंग से जुड़े रहने, अपने विचार-रुचि के अनुसार अच्छे मित्र बनाने तथा परिवार एवं मित्रों से अपना सुख -दुख, हेल्थ इश्यू तनाव शेयर करने की सलाह दी। कई शिक्षकों ने अपनी जिज्ञासा रखी। कृषि अधिष्ठाता डॉ डीके शाही ने धन्यवाद किया।
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