- वैट कम करने, बकाया भुगतान सहित अन्य मांगों पर हुई चर्चा
रांची। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद राज्य के पेट्रोल पंपों की 2 सितंबर की बंदी स्थगित कर दी गई। पेट्रोल डीजल में वैट कम करने, वैट रिटर्न भरने की अनिवार्यता खत्म करने, सरकारी बकाया का भुगतान की मांग को लेकर 2 सितंबर को झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने एक दिवसीय बंदी की घोषणा की थी। यह जानकारी 30 अगस्त को हरमू रोड स्थित दिगंबर जैन भवन में मीडिया से संगठन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने दी।
एसोसिएशन का उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष अशोक सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रोजेक्ट भवन स्थित सचिवालय में मिला। अपनी मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा। उनसे आग्रह किया कि पेट्रोल-डीजल में वैट में कटौती कर पेट्रोल पंप संचालकों और जनता को राहत दे।
श्री सिंह ने उन्हें बताया कि पड़ोसी राज्यों से वैट अधिक होने पर झारखंड को क्या नुकसान हो रहा है। वैट घटाने से क्या फायदे राज्य को होंगे। मांग पत्र के माध्यम से उनसे वैट रिटर्न दाखिल करने से मुक्ति देने की भी मांग की। पेट्रोल पंपों के सरकारी बकाया का भुगतान यथाशीघ्र कराने की मांग की।
एसोसिएशन ने कहा कि प्रदूषण जांच केंद्र हर पंप में स्थापित है। प्रत्येक जांच पर 40 फीसदी पैसा राज्य सरकार ले लेती है। इसके अतिरिक्त हर तीन वर्षो में 10 हजार रुपये नवीनीकरण का अलग से लिया जाता है। वार्षिक मेंटेनेंस के नाम 18 हजार रुपये देना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे मुक्ति दिलाने की मांग की।
श्री सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने गंभीरता पूर्वक मांगों को सुना। मांग पत्र में संबंधित विभाग को कोट करते हुए अपने अधिकारी को बुला कर दिशानिर्देश दिया। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की भी मौजूद थीं।
एसोएिशन ने कहा कि यदि मांगें नहीं मानी गई तो 28 सितंबर को पूरे प्रदेश के पेट्रोल पंप संचालकों की बैठक रांची में होगी। उसमें कठोर आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। मौके पर राजहंस मिश्रा, नीरज भट्टाचार्य, सुदीप तिग्गा, विनीत लाल, जेपीडीए के प्रवक्ता प्रमोद कुमार, कुसध्वज नाथ शाहदेव, निपुण मृणाल, राहुल जयसवाल, आयुष चौधरी भी मौजूद थे।
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