गुमला। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन संचालित मात्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय ने ‘जलकृषि एवं आहार प्रबंधन’ विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड – प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के सहयोग से आयोजित किया गया। इसमें गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड से 30 उद्यमियों ने भाग लिया। इसमें 20 महिलाएं एवं 10 पुरुष शामिल थे।
प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्रकार के मछली पालन, मछली पालन गतिविधियों में आहार का महत्त्व, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग कर फार्म पर आहार निर्माण करने का तरीका, विभिन्न प्रकार की आहार पद्धतियों एवं पिंजरे में मछली पालन में आहार प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें मछली पालन में आने वाली विषम परिस्थितियों, एक्वेरियम निर्माण एवं इसके रख-रखाव के बारे में बताया गया।
साथ ही, उन्हें सरकार द्वारा मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं एवं योजनाओं से भी अवगत कराया गया। सभी प्रशिक्षणार्थियों ने इस प्रशिक्षण को प्राप्त कर काफी खुशी व्यक्त की। प्रशिक्षण के समापन में प्रशिक्षणार्थियों को मछली पालन के क्षेत्र से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया। अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र दिया गया।
यह प्रशिक्षण महाविद्यालय के सह-अधिष्ठाता डॉ. ए.के. सिंह के मार्गदर्शन एवं सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रसान्त जना के दिशा-निर्देश में कराया गया। प्रशिक्षण की सफलता में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापकों डॉ. श्वेता कुमारी, डॉ. गुलशन कुमार, डॉ. रोहितास यादव, डॉ. के.एस. विसडम, डॉ. तसोक लेया, डॉ. ओम प्रवेश कुमार रवि, डॉ. मनमोहन कुमार, डॉ. कस्तूरी चट्टोपाध्याय, डॉ. स्टेंजिन गावा एवं सुश्री विष्णुप्रिया, श्रीमती रेशमी सिंह, संजय नाथ पाठक का योगदान रहा।
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