- डालसा ने टीम गठित कर पीड़ित परिवार को पहुंचाई विधिक सहायता
रांची। अनगड़ा-डायन बिसाही की घटना में मृतक बालेश्वर उरांव के मामले पर झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश-सह-कार्यपालक अध्यक्ष (झालसा) सुजित नारायण प्रसाद ने संज्ञान लिया। रांची जिला विधिक सेवा प्राधिकार को यह आदेश दिया है कि वह तत्काल मृतक के परिवार से मिलकर आवश्यक सहायता प्रदान करें।
इस निर्देश के आलोक में न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष (डालसा, रांची) दिवाकर पांडे ने डालसा सचिव को अविलम्ब टीम गठित कर पीड़िता के परिवार को विधिक सहायता प्रदान करने का आदेश दिया। सचिव कमलेश बेहरा ने एक टीम गठित की। इसमें दुलारी कुमारी, पैनल अधिवक्ता, पीएलवी बेबी सिन्हा व तारा मिंज को नियुक्त किया गया। पीएलवी बेबी सिन्हा व तारा मिंज ने पीड़ित के परिवार से मुलाकात की। डालसा द्वारा दी जानेवाली निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी दी।
डालसा द्वारा पीड़िता के परिवार को मुकदमा के लिए सहायता दी जायेगी। पीड़िता के परिवार को विधिक सहायता के लिए डालसा की ओर से अधिवक्ता दुलारी कुमारी को नियुक्त किया गया है। साथ ही, मृतक की पत्नी जख्मी शनिचरिया देवी का समुचित इलाज रांची सदर अस्पताल से कराया गया। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत उनका कार्ड भी सदर अस्पताल से बनवाया गया।
डालसा की ओर से झारखंड पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता के लिए मुआवजा की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी गयी। कार्यपालक अध्यक्ष (झालसा) के निर्देश पर डालसा सचिव स्वयं पीड़ित परिवार से मिलकर अंतरिम मुआवजा के रूप में 10 हजार रुपये का चेक मृतक के परिवार को प्रदान किया।
इसके अलावा सरकार की कल्याणकारी योजना के तहत मृतक की पत्नी का विधवा पेंशन और तीनों बेटों का जॉब कार्ड बनाने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा दिया गया। मौके पर मौजूद अनगड़ा प्रखंड के विकास पदाधिकारी जयपाल सोये ने मनरेगा के तहत मृतक के तीनों बेटों को रोजगार देने का आश्वासन दिया।
घटित घटना के संदर्भ में डालसा सचिव के नेतृत्व में अनगड़ा प्रखंड के जरगा गांव, ग्राम – तेतरी टोली में ग्रामीणों के बीच विधिक जागरुकता का भी आयोजन किया गया। वहां प्रखंड विकास पदाधिकारी (अनगड़ा) जयपाल सोये, अनगड़ा थाना प्रभारी चमरा मिंज, पैनल अधिवक्ता दुलारी कुमारी, ग्राम मुखिया-क्रिष्टिना, पीएलवी-बेबी सिन्हा उपस्थित थे।
बेहरा ने कहा कि डायन बिसाही एक अंधविश्वास है। कानून में इसपर सजा का प्रावधान है। डायन बिसाही के नाम पर किसी को प्रताड़ित नहीं करें। यह एक घोर अपराध है, जिसे डालसा समय-समय पर जागरुकता कार्यक्रम चलाकर समाप्त करने पर अग्रसर है।
प्रखड विकास पदाधिकारी ने कहा कि इस तरह की घटना निंदनीय है। डायन बिसाही के नाम पर लोगों को प्रताड़ित किया जाता है, जो कि सरासर गलत है। डालसा सदैव विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इस विषय पर जागरुकता करता है, जो सराहनीय है।
अनगड़ा थाना प्रभारी ने मौके पर कहा कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए हमलोग सजग है। इस तरह के अपराधों पर संलिप्त लोगों पर कानून के अंतर्गत कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
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