दुख मनुष्य की संपत्ति हैः आचार्य दीनानाथ शरण

झारखंड धर्म/अध्यात्म
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श्री राम जानकी मन्दिर हाउसिंग कॉलोनी बरियातू में श्रीमद् भागवत कथा का तीसरा दिन

रांची। श्री जगतगुरु देवाचार्य मलुक पीठाधीश्वर श्री राजेन्द्र दास जी महाराज के कृपापात्र शिष्य परम पूज्य आचार्य दीनानाथ शरण जी महाराज श्रीधाम वृन्दावन के मुखारविन्द से आज मंगलवार को तृतीय दिवस की श्रीमद् भागवत कथा हुई।

उन्होंने कहा कि दु:ख मनुष्य की सम्पति है, यह कुन्ती की परिकल्पना है, कुन्ती भगवान से दु:ख मांगती है और बहू द्रौपदी और पोते अभिमन्यू की पत्नी उत्तरा को भी दु:ख में भगवान के शरणागत होने की शिक्षा देती है। चीर हरण में द्रौपदी पांच महाबली पति से नहीं भगवान कृष्ण से सहारा मांगती है, तो उत्तरा भी कृष्ण का आह्वान करती है, जब गर्भ पर अश्वत्थामा ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करते हैं।

गिरिडीह से आए आचार्य कन्हैया द्विवेदी के वैदिक मंत्रों से श्री राम जानकी मन्दिर हाउसिंग कॉलोनी बरियातू क्षेत्र पवित्र हो रहा है। वहीं काशी के आचार्य अम्बुज शुक्ल के श्री मद्भागवत परायण पाठ से गुंजायमान हो रहा है। यह जानकारी आज के यजमान पं रामदेव पांडेय ने दी।