- थाना प्रभारी ने किया जब्त, पता लगाने में जुटी पुलिस
विवेक चौबे
गढ़वा। गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र में सरकारी दवाएं आबादी से दूर एक गड्ढे में फेंकी हुई जब्त की गई हैं। इसमें 80 फीसदी दवाओं की एक्सपायरी 2 साल बाद, कुछ दवाओं की एक्सपायरी आठ महीने के बाद की है। करीब 20-25 फ़ीसदी दवाओं की एक्सपायरी हो चुकी है। कांडी थाना प्रभारी गुलशन कुमार गौतम दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर दवाओं को जब्त कर थाना ले गए। दवाएं किसने फेंकी, पुलिस इसका पता लगाने में जुटी है।
नदी के किनारे मिली दवा
कांडी प्रखंड क्षेत्र के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ के दक्षिण सतबहिनी गेट से राजा घटहुआं गांव जाने वाली सड़क में पंडी नदी के निकट दवाएं फेंकी हुई थीं। दवाएं फेंकते हुए देखकर एक व्यक्ति ने कांडी प्रखंड प्रमुख सह प्रमुख संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार पांडेय उर्फ पिंकू पांडेय को इसकी सूचना पहले दी। कांडी थाना के थाना प्रभारी को शनिवार को इसकी सूचना दी गई।
कृमि नाशक एवं अन्य दवाएं
थाना प्रभारी गुलशन कुमार गौतम, एएसआई प्रबल कुमार महतो दलबल के साथ वहां पहुंचे। आस-पास के गांव से सहिया व कुशहा हेल्थ सेंटर की एक एएनएम व ग्रामीणों को मौके पर बुलाया। बच्चों व बड़ों को दी जाने वाली कृमि नाशक (कीड़ा की दवा) एल्बेंडाजोल सबसे अधिक मात्रा में फेंकी हुई पाई गई है। इसकी एक्सपायरी मार्च 2026 है। कुछ एल्बेंडाजोल गोलियों की एक्सपायरी 2025 की भी है। आयरन की गोली फोलिक एसिड के कुछ दवाओं की एक्सपायरी नवंबर, 2024 की है। आधा दर्जन बोड़ा में भरकर एक्सपायर हो चुकी फोलिक एसिड दवाओं की गोलियां भी जब्त की गई हैं।
सहिया सहित ये मौजूद
इस मौके पर सरकोनी पंचायत की सहिया साथी नीलम देवी, डेमा गांव की सहिया प्रमिला देवी, कुशहा हेल्थ सेंटर की एएनएम ज्वालामुखी कुमारी, ग्रामीणों में राजा घटहुआं के रितिक कुमार, विमलेश कुमार, सोनू कुमार, नीरज कुमार, बलराम कुमार एवं विकास कुमार आदि उपस्थित थे।
टीम आने वाली है
स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय सूत्रों का कहना है कि 10 से 25 फरवरी तक फाइलेरिया की दवा के साथ कीड़ा की दवा देने का अभियान चलाया गया था। इस दौरान सहिया को घर-घर जाकर अपने हाथों से लोगों को दवा खिलानी थी। अगर कोई बाद में खा लेंगे, कहकर दवा मांगने पर उसे एक भी गोली देने का आदेश नहीं था। एल्बेंडाजोल वितरण की जांच के लिए एक टीम आने वाली है। इसी तरह, 20 मार्च से कीड़ा की दवाओं का वितरण किया जाना है। स्कूलों में छात्र-छात्राओं को कीड़ा की दवा देने के लिए शनिवार एवं बुधवार का दिन निर्धारित है। उसके लिए दवाओं की शिक्षा विभाग के प्रखंड संसाधन केंद्र (बीआरसी) को आपूर्ति की जाती है।
हेल्थ सेंटर की दवा नहीं
फेंकी हुई दवा के विषय में कहा जा रहा है कि यह किसी हेल्थ सेंटर की दवा नहीं लगती है। किसी भी केंद्र पर इतनी मात्रा में दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। हो सकता है कि यह किसी बीआरसी से फेंकी हुई दवा हो। हालांकि जांच पड़ताल के बाद ही इसके बारे में पता चल सकता है।
जांच करने पहुंची टीम
प्रखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सरकारी दवा फेंक दिए जाने के मामले की जांच की गई। जिला के उपायुक्त द्वारा गठित जांच कमेटी शनिवार की देर शाम दवाओं की जांच करने के लिए कांडी थाना पहुंची। जहां जब्त दवाओं की विस्तार से जांच की गई। जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी गई है। इसे मंत्री बन्ना गुप्ता को भेजा जाएगा।
यहां स्ट्रिप में दवा
जांच टीम में शामिल गढ़वा जिला के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने बताया कि इस बैच नंबर की दवाएं फेंकी गई है, वह मझिआंव की नहीं हैं। इतनी बड़ी संख्या में दवाएं जिले की किसी भी फैसिलिटी सेंटर की नहीं हो सकती। इस बैच नंबर की दवाओं की सप्लाई नहीं की गई है। गुलाबी एवं नीले रंग की दवाओं की आपूर्ति सीधे राज्य से की जाती है। जो बच्चों को देने के लिए बीआरसी में भेजी जाती है। अभी हाल में फाइलेरिया की दवा के साथ कीड़े की दवा देने का जो अभियान चला था, उसकी दवा डिब्बे में थी। यहां पर जब्त दवाएं स्ट्रिप में हैं। इसमें केवल गुलाबी रंग की एक तरह की गोली यहां की है। वह मझिआंव या किसी अन्य जगह से सप्लाई की गई है, इसका पता करना होगा।
करीब चार लाख कीमत
सिविल सर्जन ने कहा कि केवल आयरन की गोली फोलिक एसीड की मात्रा डेढ़ लाख है। एल्बेंडाजोल की गोली 16,000 है। दोनों दवाओं की कीमत की बात करीब चार लाख रुपए की बताई जा रही हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि जब्त दवाओं का स्टोरेज ढंग से नहीं किया गया था। इससे दवाओं को अच्छी हालत में नहीं पाई गई है। दवाओं के साथ कुछ रंगीन फोटोग्राफ्स पाए गए हैं, जो कांडी प्रखंड क्षेत्र के एक विद्यालय में संपन्न कार्यक्रम के हैं। इन तस्वीरों को बरगलाने के लिए रखा गया बताया जा रहा है। जांच टीम में सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार के साथ जिला के भू राजस्व उप समाहर्ता रवीश राज सहित कई स्वास्थ्य कर्मी शामिल थे।
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