विपत्रों के विलंब से भुगतान पर लघु उद्योग भारती ने सेमिनार में की चर्चा

झारखंड
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रांची। लघु उद्योग भारती (झारखंड प्रदेश) के तत्वावधान में चैंबर भवन सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया। इसका विषय ‘सरकारी एवं सार्वजनिक इकाइयों द्वारा विपत्रों के विलंबित भुगतान के कारण राष्ट्र के आर्थिक विकास में बाधा’ था। मुख्य अतिथि पूर्व सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि एमएसएमई एक्ट 2006 में सरकारी प्रतिष्ठानों को अधिकतम 45 दिनों के अंदर विपत्रों का भुगतान नहीं करने पर भुगतान होने के दिन तक बैंक ब्याज के तीन गुणा तक भुगतान करने का प्रावधान है। इसमें न्यायपालिका ने भी समय-समय पर कई निर्णय उद्यमियों के पक्ष में दिया है।

विशिष्ठ अतिथि एमएसएमई के संयुक्त निदेशक इंद्रजीत यादव ने केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार समय पर विपत्रों का भुगतान हो, इसका प्रयास कर रही है। झारखंड चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने भी विलंबित भुगतान पर चिंता जाहिर की।

स्वागत करते लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष विजय छापड़िया ने विषय प्रवेश कराया। उन्होंने कहा कि राज्य की बहुत सारी औद्योगिक इकाईयां सरकार द्वारा लंबे समय से विपत्रों का भुगतान नहीं करने से बंद होने के कगार पर है। लघु भारती का मानना है कि समय पर विपत्रों का भुगतान होगा, तो राज्य का विकास चार गुणा बढ़ जायेगा। रोजगार का भी सृजन होगा।

एमएसएमई एक्ट 2006 में उद्यमियों के पक्ष में भुगतान संबंधी वैद्यानिक प्रक्रिया के संदर्भ में एके सिंह ने विस्तृत जानकारी दी। मंच का संचालन लघु उद्योग भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष ललित केडिया और धन्यवाद रांची महानगर के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने दिया।

इस अवसर पर ओम प्रकाश अग्रवाल, सत्यप्रकाश पांडेय, प्रकाश हेमतसरिया, केएन सिंह, अखिलेश सिंह, अनिल गोयल, लाल बाबू सिंह, अजय कुमार दधीच, अरविंद नाथ, सरिता पांडेय, सुमित्रा, आशा सिन्हा, अंजली गुप्ता, भावना प्रिया समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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