नई दिल्ली। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर को देश का अगला लोकपाल नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी की उच्च स्तरीय समिति ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगाई थी।
जस्टिस खानविलकर 29 जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे। उनकी अगुवाई में ही पीठ ने पीएमएलए (PMLA) अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए फैसला सुनाया था। पीठ ने ईडी के समन, गिरफ्तारी, तलाशी, जब्ती के अधिकार को सही ठहराया था। साथ ही ईडी अधिकारियों के सामने इकबालिया बयान का उपयोग करने के लिए व्यापक अधिकार दिए थे।
जस्टिस खानविलकर ने उस पीठ का भी नेतृत्व किया, जिसने 2002 के गुजरात दंगों में पीएम मोदी को क्लीन चिट देने वाला फैसला सुनाया था। उसी मामले में प्रधानमंत्री को दंगा मामले में फंसाने के लिए मनगढ़ंत सबूत पेश करने के लिए याचिकाकर्ता तीस्ता सीतलवाड पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद तीस्ता को गिरफ्तार किया गया था।
जस्टिस खानविलकर ने उस पीठ का भी नेतृत्व किया था, जिसने कई आपत्तियां उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए सेंट्रल विस्टा और नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था।