- विद्यार्थियों में अध्ययन के प्रति समर्पण के साथ-साथ रचनात्मकता का होना भी जरूरी
वाराणसी। आधुनिक दौर में विद्यार्थियों में अध्ययन के प्रति समर्पण के साथ-साथ रचनात्मकता होना भी बहुत जरूरी है। यह रचनात्मकता ही हमें जिज्ञासु बनाती है। संवेदनशीलता को बरकरार रखती है। परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। निरंतर अभ्यास ही सफलता की कुंजी है। हमारी इच्छाशक्ति जितनी मजबूत होगी, उतनी ही तेजी से हम मंजिल की तरफ बढ़ेंगे। उक्त बातें वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कही। वे 13 फरवरी को संत अतुलानंद कॉन्वेंट स्कूल (कोइराजपुर, वाराणसी) के इंद्रधनुष सभागार में विद्यार्थियों से संवाद कर रहे थे।
इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल ने स्वामी अतुलानंद रचना परिषद के सचिव इंजी. राहुल सिंह, संत अतुलानंद कॉन्वेंट स्कूल की निदेशक श्रीमती वंदना सिंह और प्रधानाचार्य डॉ. नीलम सिंह के साथ मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम का आरम्भ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और विद्यार्थियों द्वारा विद्यालय कुल गीत व सरस्वती वंदना से हुआ।
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए कहा कि आत्मविश्वास, धैर्य, टाइम मैनेजमेंट, मौलिक चिंतन और सकारात्मक अभिवृत्ति बोर्ड परीक्षा से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक की तैयारी में काफी मायने रखती हैं। रिजल्ट की चिंता में समय गंवाने की बजाय निरंतर मेहनत पर ध्यान दें। भगवान श्री कृष्ण ने भी गीता में इसीलिए कर्म के भाव को ही अपनाने पर जोर दिया। विद्यार्थी जीवन में सोशल मीडिया से दूर रहना ही बेहतर है। इसकी बजाय अपनी नियमित दिनचर्या में उचित समय प्रबंधन के साथ अभिरुचियों के विकास, योग, व्यायाम इत्यादि पर जोर देकर तनाव मुक्त रहा जा सकता है।
पोस्टमास्टर जनरल ने वर्तमान दौर में बच्चों के मन में चल रहे अंतर्द्वंद्वों और सपनों को बाहर लाने की बात कही। हर बच्चा अपने आप में अद्वितीय और विलक्षण होता है, ऐसे में अभिभावकों को भी उनकी दूसरों से तुलना की बजाय उनकी रूचि और क्षमता के अनुसार ही प्रोत्साहित करना चाहिए। आपका मूल्य इससे निर्धारित नहीं होता है कि आप क्या हैं, बल्कि इससे निर्धारित होता है कि आपमें खुद को क्या बनाने की क्षमता है। जीवन के किसी मोड़ पर निराश होकर या परीक्षा में असफल होने पर अवसादग्रस्त होकर आत्महत्या कर लेने जैसी घटनाएं किसी समस्या का समाधान नहीं है।
सिविल सर्विसेज में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बाहर से बड़ी आकर्षक दिखने वाली इन सेवाओं में उतनी ही बड़ी जिम्मेदारियां और चुनौतियां भी हैं। ये चुनौतियां ही फील्ड में किसी अधिकारी की कार्यक्षमता और लोकप्रियता को निर्धारित करती हैं। एक प्रशासनिक अधिकारी से सामाजिक समस्याओं और अपने परिवेश के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता की आशा की जाती है।
स्वामी अतुलानंद रचना परिषद के सचिव इंजी. राहुल सिंह ने आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को सकारात्मक रहते हुए बिना किसी मानसिक तनाव के समय का सदुपयोग करते हुए अध्ययन में जुट जाने को कहा। प्रधानाचार्य डॉ. नीलम सिंह ने आभार ज्ञापन करते हुए सभी विद्यार्थियों को शुभकामनायें दीं। कार्यक्रम के अंत में पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के साथ स्कूल के तमाम अध्यापक, स्टाफ, अभिभावक भी उपस्थित रहे।
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