केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में क्षमता आधारित प्रश्नों का समावेश

शिक्षा झारखंड
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मुकेश कुमार

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हाल के परिवर्तनों में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा क्षमता आधारित प्रश्नों को शामिल किया गया है। ये प्रश्न तीन तरह से बनाये जाते हैं। छात्रों को क्रिटि‍कल थिंकिंग और समस्या समाधान, ज्ञान प्रायोगिकता को मूल्यांकित करते हैं। इसकी आवश्यकता इसलिए पड़ी क्‍योंकि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड छात्रों की गहन समझ ज्ञान के प्रयोग को परीक्षा द्वारा आंकता है। रट्टामार कर परीक्षाएं पास करने की परिपाटी को भंग करने के लिए यह कदम उठाया गया है। तीन तरह की क्षमता आधारित प्रश्न होते हैं।

1.   इसमें एक प्रश्न के कई उत्तरों में से सही विकल्प को चुनना होता है।

2.   दूसरे तरह के प्रश्न में असरसन रिजनिगं के प्रश्न हाते हैं, जो किसी कथन पर बच्‍चों की तर्क एवं समझ की क्षमता को परखते हैं।

3.   तीसरे वे प्रश्न जो केश पर आधारित होते हैं। ये पाठ्य के कुछ अंशों या ऐसे ही कुछ पठित गद्याशों या एक्सट्रैक्ट देकर उसके रेफरेन्स से पूछे जाते हैं। चीजों को समझकर ज्ञान का प्रायोगिक परिचय देने का उद्देश्‍य इन प्रश्नों से पूरा होता है। कॉनसेप्ट की सही समझ की जांच भी हो पाती है। असरसन रिजनिंग जिन्हें मोटे तौर पर कथन व तर्क पर आधारित प्रश्न कह सकते हैं, का सबसे सीधा उदहारण यह हो सकता है कि एक या दो कथनों को अलग-अलग तरह से पहचानकर, समझकर संबन्ध निरूपित कर यह बताना पड़ता है। एक कथन एवं दूसरे कथन में क्या संबंध हैं अथवा एक कथन दूसरा कथन पर कितना निर्भर करता है या उसकी सही व्याख्या है या नहीं या दोनों ही तर्क पूर्ण ढंग से अलग-अलग तरह के कथन हैं।

विषयवार व्याख्या व उदहारण

गणित के प्रश्नों में क्षमता आधारित प्रश्नों में छात्रों की समस्या समाधान से संबंधित सामान्य जीवन से ऐसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं। जैसे कि इंटीग्रेशन का प्रयोग करके किसी विषम या टेढ़ मेढ़े क्षेत्र का क्षेत्रफल ज्ञात करना।

इसी तरह विज्ञान विषय में छात्रों से यह पूछा जा सकता है कि किसी प्रयोग में जो डाटा प्राप्त हुआ है उसका विश्लेषण करें व निष्कर्ष निकालें। उदहारण के लिए किसी रासायनिक प्रयोग के परिणामों को विश्लेषित कर तापमान के प्रभाव की जांच किसी रासायनिक प्रतिक्रिया पर निरूपित करना।

सामान्य विज्ञान के प्रश्नों में क्षमता आधारित प्रश्न छात्रों से ऐतिहासिक घटनाओं को विश्लेषित करते हुए प्रश्न बन सकते हैं। जैसे कि यूरोप की औद्योगिक क्रान्ति का प्रभाव शहरीकरण पर स्पष्ट करें।

अंग्रजी व हिन्दी आदि भाषा में क्षमता आधारित प्रश्न साहित्य अंशों को विश्लेषित करने व सृजनात्मक ढंग से उत्तर देने से संबंधित हो सकते हैं। उदहारण के लिए विपरीत परि‍स्थितियों में हिम्मत ना हारने से विजय मिलती है। इस विषय पर छोटी कहानी या सृजनात्मक लेखन आदि।

इस तरह के प्रश्न अभ्यास से अत्यंत सुगम हो सकते हैं। अतः विद्यार्थियों को चाहिए कि नमूना प्रश्नपत्रों से इनका समयबद्ध तरीके से अभ्यास करें। प्रश्नों की भाषा की परख और कॉन्‍सेप्‍ट की सही समझ व उनका प्रयोग क्षमता आधारित प्रश्नों को करने में काम आते हैं। प्रश्नों की अच्‍छी समझ व अभ्यास द्वारा हल करने का अनुभव छात्रों को अच्‍छे स्कोर दिला सकते हैं।

मुकेश कुमार

(लेखक : पीजीटी अंग्रेजी केंद्रीय विद्यालय सीसीएल/राजेन्द्र नगर में कार्यरत हैं। वह दो दशकों से भी ज्यादा समय से अध्यापनरत हैं।)

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