- विवि पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई
- नये महाविद्यालयों को सुदृढ़ करने को कहा
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधीनस्थ महाविद्यालयों के आगामी 5 वर्षो की मान्यता के लिए पहुंची पीयर रिव्यू दल (पीआरटी) ने निरीक्षण एवं समीक्षा का कार्य शनिवार को पूरा किया। देर रात तक विवि कुलपति एवं डीन से चर्चा एवं विचार-विमर्श के बाद सुझाव सहित प्रतिवेदन तैयार किया। रविवार को दल रांची से लौटा। पीआरटी आईसीएआर, नई दिल्ली को प्रतिवेदन देगा। आईसीएआर गवर्निंग बोर्ड के अनुमोदन के बाद ही महाविद्यालयों के मान्यता सबंधी निर्देश जारी होंगे।
शिक्षक एवं कर्मचारियों को प्रमोशन लाभ मिले
देर शाम बैठक में पीआरटी ने विवि में नियमित शिक्षकों, कर्मचारी एवं वरीय पदाधिकारियों की घोर कमी पर चिंता व्यक्त किया। झारखंड के कृषि शिक्षा हित में विवि में स्वीकृत राज्य योजना एवं आईसीएआर के सभी रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति करने को कहा। नियमित एवं संविदा पर कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों की लगन एवं मेहनत की सराहना की। विवि के शिक्षक एवं छात्रों के विषय ज्ञान पर संतोष जताया।
कहा कि बीएयू देश का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय है, जिसके शिक्षक एवं कर्मचारियों को दशकों से प्रमोशन नहीं मिला है। इनके मनोबल को बनाये रखने के लिए शिक्षक एवं कर्मचारियों को प्रमोशन लाभ देना चाहिए। 5 दिवसीय दौरे के बाद पीआरटी ने कांके स्थित कृषि, वानिकी एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय, तिलका मांझी कृषि महाविद्यालय गोड्डा एवं फिशरीज साइंस महाविद्यालय गुमला के आधारभूत संरचना एवं प्रदर्शन की सराहना की।
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नये महाविद्यालयों में सुविधाओं को सुदृढ़ करने को कहा
नये महाविद्यालयों में रबिन्द्र नाथ टैगोर कृषि महाविद्यालय (देवघर) एवं कृषि महाविद्यालय (गढ़वा), फूलो झानो कॉलेज ऑफ डेयरी टेक्नोलॉजी हंसडीहा (दुमका), उद्यान महाविद्यालय खूंटपानी (चाईबासा) एवं कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय (कांके) में लेबोरेटरी को अद्यतन एवं क्रियाशील, स्मार्ट क्लास रूम, लाइब्रेरी, रिसर्च फार्म, हॉस्टल की संख्या, प्ले ग्राउंड आदि सुविधाओं को सुदृढ़ करने को कहा।
मृदा विज्ञान विभाग की लेबोरेटरी को बेहतर बताया
कृषि संकाय में भ्रमण के दौरान पीआरटी के सदस्य डॉ जितेन्द्र कुमार एवं डॉ डीपी राय ने सेंट्रल एग्जामिनेशन हॉल, एरिस सेल, एग्रीबिज़नेस सेंटर, मशरूम उत्पादन ईकाई, प्रसंस्करण एवं मूल्य वर्धन केंद्र की सराहना की। सशक्त करने के सुझाव दिये।
डॉ जितेन्द्र कुमार ने मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग में यूजी एवं पीजी लेबोरेटरी में क्वालिटी, वैज्ञानिक उपकरणों की उपलब्धता, इनरिच कम्पोस्ट व अजोला प्रोडक्शन यूनिट, राज्य की जिला एवं प्रखंड स्तरीय सायल फर्टिलिटी मैप सबंधी कार्यों को बेहतर बताया। देश के अन्य कई कृषि विश्वविद्यालयों से बेहतर सुविधा युक्त होने की बात कही।
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किस्मों को किसानों तक पहुंचाने की जरूरत बताई
आनुवांशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित 14 उन्नत फसल किस्म की तारीफ की। किसानों में प्रचलित तीसी किस्म दिव्या व प्रियम और सरगुजा की 4 किस्मों की तरह अन्य विकसित मड़ुआ, मक्का, उरद, सरसों, सोयबीन, अरहर, गेहूं एवं तीसी फसल किस्मों को किसानों तक पहुंचाने की जरूरत बताई। विभाग द्वारा न्यूक्लीयस एवं ब्रीडर सीड के उत्पादन की जानकारी ली। छात्र हित में विभाग के यूजी एवं पीजी लेबोरेटरी को नवीनतम वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित करने और स्मार्ट क्लास रूम स्थापना करने को कहा। कृषि प्रसार एवं संचार विभाग द्वारा विकसित आईटी उत्पादों, कृषि मंत्रणा परियोजना तहत विकसित आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस आधारित मल्टीमॉडल डायलोग सिस्टम तथा फार्मर्स फर्स्ट प्रोग्राम कार्यक्रमों के कार्यो को सराहा। दल ने शस्य, कीट विज्ञान, पौधा रोग एवं कृषि मौसम एवं पर्यावरण विभागों की स्थिति को संतोषजनक बताया। संकाय में कृषि अर्थशास्त्र एवं कृषि सांख्यिकी विभाग को सुदृढ़ करने को कहा।
हाईटेक वानिकी नर्सरी कार्यक्रमों की सराहना की
पीआरटी के सदस्य डॉ डब्लूएस ढिल्लन ने वानिकी संकाय में क्लास रूम, लेबोरेटरी, एग्जामिनेशन हॉल एवं हॉस्टल के निरीक्षण में संतोष किया। संकाय के उत्पाद को पेटेंट एवं गिलोय जर्मप्लाज्म को राष्ट्रीय स्तर पर आईसी संख्या मिलने, एलोवेरा विलेज की स्थापना, मेडिसिनल जीन बैंक एवं हाईटेक वानिकी नर्सरी कार्यक्रमों की सराहना की।
पीआरटी के सदस्य डॉ वीके जैन ने पशु चिकित्सा संकाय के क्लास रूम, स्मार्ट क्लास रूम, नव निर्मित एग्जामिनेशन हॉल एवं एलपीएम भवन तथा लेबोरेटरी, लाइब्रेरी, क्लिनिकल काम्प्लेक्स, पशुधन फार्म, निर्देशात्मक पशुधन फार्म्स की स्थिति पर संतोष व्यक्त की।
पीआरटी सदस्य डॉ एके पूनिया ने कॉलेज ऑफ फिशरीज साइंस (गुमला) में ढांचागत आधारभुत संरचना एवं छात्रों के प्रदर्शन पर संतोष जताया। उपयुक्त से मिले। महाविद्यालय की स्थिति से अवगत कराया।
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कॉलेज की गतिविधि एवं समस्याओं को जाना
पीआरटी अध्यक्ष डॉ एआर पाठक, डॉ केपी त्रिपाठी, डॉ डीपी राय, डॉ अरविंद कुमार सिंह ने संथाल परगना में स्थापित देवघर एवं गोड्डा स्थित कृषि महाविद्यालय और हंसडीहा (दुमका) स्थित डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज के भवनों, हॉस्टल एवं अन्य आधारभुत संरचना की जानकारी ली। शिक्षक एवं छात्रों से कॉलेज की गतिविधि एवं समस्याओं को जाना। ढांचागत सुधारों पर सुझाव दिये।
आईसीएआर द्वारा गठित पीयर रिव्यू दल के अध्यक्ष एवं सदस्यों को विवि से डॉ एसके पाल, डॉ एमएस मल्लिक, डॉ सुशील प्रसाद, डॉ नीरज कुमार, डॉ एचसी लाल, डॉ बीके झा एवं अन्य ने विशेष सहयोग सेवा प्रदान की।