बिहार में खेला त तेजस्वी यादव के साथे हो गइलः नीतीश ने जीता विश्वासमत, राजद के विधायक ही टूट गये

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विधानसभा अध्यक्ष पद से हटाए गए राजद के अवध बिहारी चौधरी

जादुई आंकड़ा 122, सीएम नीतीश सरकार के पक्ष में पड़े 129 वोट

वोटिंग के दौरान सदन से बाहर रहा विपक्ष

पटना। बिहार में नीतीश सरकार के खिलाफ विश्वासमत के दौरान विधानसभा में खेला करने का राजद नेता तेजस्वी यादव का दांव उल्टा पड़ गया। भारी गहमा-गहमी और लाख जतन के बावजूद तेजस्वी एनडीए का एक भी विधायक तोड़ नहीं पाए, जबकि राजद के ही तीन विधायक नीतीश के पाले में चले गए। और इस तरह नीतीश ने आराम से विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया।

नीतीश सरकार ने सोमवार को बिहार विधान सभा में विश्वासमत प्राप्त कर लिया। बिहार में नई सरकार के गठन के 15 दिनों बाद आज यानी सोमवार को नीतीश सरकार ने सदन में यह विश्वासमत प्राप्त कर लिया।

बिहार विधानसभा में पहले विश्वासमत प्रस्ताव को लेकर चर्चा हुई, फिर ध्वनि मत से विश्वास मत पारित हुआ इसके बाद वोटिंग हुई। वोटिंग के दौरान विपक्ष के लोगों ने वॉक आउट कर दिया। नीतीश सरकार के पक्ष में 129 वोट मिले, वहीं विपक्ष में 0 वोट मिले।

सत्ता परिवर्तन के साथ ही बिहार में पिछले 15 दिनों से जारी सियासी खेल खत्म हो गया। फ्लोर टेस्ट से पहले सदन में होने वाले विपक्ष यानी महागठबंधन का दावा था कि सरकार अल्पमत में है। लेकिन, फ्लोर टेस्ट में विपक्ष का ये दावा गलत साबित हुआ। फ्लोर टेस्ट में नीतीश सरकार को 129 वोट मिले, जबकि विपक्ष का वॉक आउट के कारण उसे जीरो वोट मिले।

बताते चलें कि, सदन में बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों की ही नीतीश सरकार को जरुरत थी। एनडीए गठबंधन का शुरु से ही दावा था कि उसके पास 128 विधायकों का संख्या बल मौजूद है। जिसमें बीजेपी के 78, जद-यू के 45, हम के 4 और एक निर्दलीय सुमित कुमार सिंह शामिल हैं।

इससे पहले विश्वासमत पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार अपने पुराने रंग में दिखे। तेजस्वी यादव के सवालों पर पलटवार करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे 2005 से काम करने का मौका मिला है। तब से काम कर रहा हूं।

जबकि आपके लालू-राबड़ी ने 15 साल काम किया। तब बिहार में क्या होता था। यह किसी भी बिहार के लोगों से पूछा जा सकता है। लेकिन जब हम लोगों को मौका मिला, तो काम किया। तब और अब के बिहार का अंतर देखा जा सकता है।