जाको राखे साइयां, मार… उमाशंकर के लिए फरिश्ता बने ट्रेन यात्री 

झारखंड
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कुलविंदर सिंह

जमशेदपुर। मुरी रेलवे स्टेशन में आज यानी सोमवार को जाको राखे साइयां, मार सके न कोए, वाली कहावत चरितार्थ होती दिखी। कहते हैं कि ईश्वर की इच्छा के बिना इस पृथ्वी पर कुछ नहीं होता है। यहां तक कि प्रभु की इच्छा के बिना एक तिनका भी नहीं हिलता।

दरअसल, ऐसा ही कुछ आज मुरी रेलवे स्टेशन में हुआ। आपको बता दें कि, सोमवार तकरीबन साढ़े ग्यारह बजे जम्मू तवी टाटा डाउन एक्सप्रेस 18102 में कानपुर से सफर कर रहे यात्री उमाशंकर की चलती ट्रेन में चढ़ने के दौरान मुरी स्टेशन पर फिसल कर पटरी पर जा गिरे।

वो एस फाइव में थे और एस फोर के यात्रियों ने घटना को देख लिया। उन्होंने चेन खींची और ट्रेन रुक गई। यात्री वहां दौड़कर गए। उमाशंकर दो पटरी के बीच लेटे हुए थे और उन्हें खींच कर निकाला गया।तब तक गार्ड, आरपीएफ के जवान, सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर पहुंच गए। उमाशंकर ने बताया कि, वो पत्नी के साथ कानपुर से लौट रहे हैं और उन्हें चाईबासा वापस जाना है।

मुरी स्टेशन प्रशासन से सूचना पाते ही रेलवे अस्पताल की मेडिकल टीम डॉक्टर के साथ पहुंची। डॉक्टर ने जांच के क्रम में पाया कि उनकी कमर में चोट लगी है और पैर में भी खरोंच है। उन्हें दवाईयां दी गईं और जख्म पर तथा पीठ में दर्द निवारक मलहम लगाया गया। घायल उमाशंकर को राहत मिली, तो परिजन से पूछकर रेलवे प्रशासन ने ट्रेन को टाटा की ओर रवाना कर दिया।