शिक्षक संघ की धमकी, उर्दू यूनिट खत्म होने पर होगा राज्यव्यापी आंदोलन

झारखंड
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रांची। राज्य सरकार एक साजिश के तहत झारखंड से सभी उर्दू यूनिट को खत्म करना चाहती है। इसकी जिम्मेदारी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने उठा रखा है। इसलिए तरह-तरह के हथकंडे अपना कर उर्दू की सभी यूनिट को ही खत्म करने की साजिश रची जा रही है। उक्‍त बातें झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के पदधारियों ने की। उन्‍होंने यूनिट खत्‍म होने पर राज्‍यव्‍यापी आंदोलन करने की धमकी दी है।

संगठन के केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद ने कहा कि जब बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बना, तब बिहार से झारखंड को 4401 यूनिट उर्दू की मिली। वर्ष, 2000 से अब तक सभी 4401 यूनिट को कभी भी पूरी तरह भरा नहीं गया। वर्ष, 2014-15 में 689 यूनिट पर उर्दू शिक्षक बहाल किये गये। इस नियुक्ति में भी साजिश रची गई। गैर योजना मद में मिली यूनिट को योजना मद में बदल कर नियुक्ति की गई। संघ ने इसके खिलाफ काफी लंबी लड़ाई लड़ी। अंतत: 2023 में योजना मद से बदल कर सभी को गैर योजना मद में स्थांतरित कराया।

अमीन अहमद ने आगे कहा कि 1994 में लालू प्रसाद यादव की सरकार ने सबसे अधिक ऊर्दू शिक्षकों की बहाली की थी। इसके बाद से झारखंड के प्रारंभिक विद्यालयों को कोई बहाली नहीं की गई। इसके विपरित बिहार में लगातार बहाली हो रही है।

प्राथमिक, माध्यमिक एवं + 2 विद्यालयों में अब तक उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। जो शिक्षक पूर्व से नियुक्त थे, उन्हें उर्दू स्कूलों से हटा कर गैर उर्दू भाषी स्कूलों में पदस्थापित कर दिया गया है। साथ ही, 2015 में नियुक्त माध्यमिक शिक्षकों को ऐसे विद्यालयों में पदस्थापित कर दिया गया है, जहां उर्दू पढ़ने वाले बच्चों की संख्या नगण्य है। उर्दू पढ़ने वाले बच्चों की संख्या वाले विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों को पदस्थापित नहीं किया गया है।

केंद्रीय महा‍सचिव ने आगे कहा कि झारखंड में अजीब स्थिति है। बार-बार स्मारित कराने के बाद भी उर्दू के खिलाफ साजिश रची जा रही है। सच को सुनने और उसका हल निकालने वाला भी कोई नहीं है। सरकार खामोश है। अधिकारी बेलगाम होकर उर्दू के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।

केंद्रीय प्रवक्ता शहज़ाद अनवर ने कहा कि अगर उर्दू यूनिट खत्म करने की जरा भी कोशिश की गई तो राज्यव्यापी और व्यापक आंदोलन होगा। इसका बुरा नतीजा आने वाले लोकसभा व विधानचुनाव में भी सामने आएगा।

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