- वित्त मंत्रालय पुनर्गठन को दे चुका है मंजूरी
नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय के आधीन कोयला नियंत्रक संगठन का कार्यालय है। इसके कार्यालय कोलकाता एवं दिल्ली और क्षेत्रीय कार्यालय धनबाद, रांची, बिलासपुर, नागपुर, संबलपुर और कोठागुडेम में स्थित हैं। कोयला नियंत्रक संगठन गुणवत्ता निगरानी सहित कोयले के उचित उत्पादन और वाणिज्यिक लेनदेन को सुनिश्चित करने के लिए विविध क़ानूनों/नियमों के तहत विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करता है।
कोयला क्षेत्र में किए जाने वाले सुधारों से संबंधित वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप, कोयला नियंत्रक कार्यालय के कार्यों की समीक्षा करने के लिए कोयला मंत्रालय ने नवंबर, 2019 में एमसीएल के पूर्व सीएमडी /पूर्व कोयला नियंत्रक ए.एन.सहाय की अध्यक्षता में चार-सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति ने वाणिज्यिक खनन को विनियमित करने, शून्य आयात के साथ घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाकर एक बिलियन टन करने के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से कोयला नियंत्रक संगठन के पुनर्गठन का प्रस्ताव रखा।
कोयला नियंत्रक संगठन के पुनर्गठन को अंततः वित्त मंत्रालय (डीओई) द्वारा 20 अक्टूबर, 2023 को मंजूरी दे दी गई है। सीसीओ की नई स्वीकृत शक्ति (130) है। इसमें ग्रुप ए के 43 राजपत्रित, ग्रुप बी के 15 राजपत्रित और 16 अराजपत्रित एवं ग्रुप सी के 56 अराजपत्रित कर्मी शामिल हैं।
कुल 130 कर्मियों की स्वीकृत शक्ति के लिए भर्ती नियमों के अनुमोदन और नए स्वीकृत पदों को भरने की प्रक्रिया कोयला मंत्रालय और कोयला नियंत्रक संगठन में प्रक्रियाधीन है।
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