सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में झारखंड में हो रहे धर्मांतरण का उठाया मुद्दा

झारखंड
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  • धर्मांतरण से आदिवासियों की संस्कृति परंपराओं पर पड़ रहा है प्रतिकूल असर

रांची। सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में झारखंड में आदिवासियों के धर्मांतरण, उनकी परंपरा और संस्कृति पर हो रहे हमले का मुद्दा 11 दिसंबर, 2023 को उठाया। सांसद ने सदन में कहा कि आदिवासियों की परंपराओं, संस्कृति और रीति रिवाज पर धर्मांतरण के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसे रोकने की दिशा में सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी।

संसद में यह भी पूछा कि जनजातीय परंपराओं संस्कृति और रीति रिवाज के संरक्षण के लिए क्या कदम उठाया गया है। सांसद के सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सदन में बताया कि जनजातिय कार्य मंत्रालय, केंद्र प्रायोजित योजनाओं जनजाति अनुसंधान संस्थान को सहायता, जनजातीय अनुसंधान, सूचना, शिक्षा, संचार और कार्यक्रम के माध्यम से उनकी परंपराओं संस्कृति और रीति रिवाज को संरक्षित करने के लिए कई कदम उठ चुकी है।

उनकी संस्कृति, कलाएं, रीति-रिवाज और परंपरा संरक्षित रहे; इसके लिए कई प्रकार की गतिविधियों की जाती हैं। जनजाति अनुसंधान संस्थानों को सहायता के माध्यम से मंत्रालय अलग-अलग राज्यों को सहायता प्रदान करती है, ताकि इनका संस्कृति संरक्षित रहे।

केंद्रीय मंत्री ने सदन में यह भी बताया कि जनजाति अनुसंधान संस्थानों के द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। झारखंड में सरहुल महोत्सव, गोवा के लोकोक्तियां, मिजोरम के पावल कूट जैसे त्योहारों को मान्यता प्राप्त कर आगे बढ़ाया जा रहा है।

धर्मांतरण के मुद्दे पर अर्जुन मुंडा ने संसद को बताया कि यह मुद्दा हम सबके लिए चिंता की बात है परंतु ऐसे मुद्दों पर कार्रवाई समाज के सभी वर्गों, जिसमें जनजातीय वर्ग भी शामिल है। की संस्कृति की रक्षा करना उनकी परंपराओं की रक्षा करना, यह राज्य के विषय हैं। राज्य सरकार को इस पर जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए।

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