नदी किनारे खेत होने से किसानों की बढ़ी परेशानी

कृषि झारखंड
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विवेक चौबे

गढ़वा। आम तौर पर नदी के किनारे खेत होने से किसान खुश होते हैं। इससे उनके खेत में सिंचाई की सुविधा बढ़ जाती है। हालांकि झारखंड के गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सड़की गांव के किसानों की परेशानी नदी के पास खेत होने से परेशानी बढ़ गई है।

यहां के किसानों का कहना है कि नदी के जरिये कचड़ा बहकर खेत तक पहुंचता है। इससे उपजाऊ खेत बर्बाद हो रहे हैं। स्थानीय किसानों ने खेत में फैले कचड़ा व गंदगी की समस्या से भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामलला दुबे को अवगत कराया। किसान बिमला देवी, शिव शंकर चौधरी, भगमानी कुंवर, शरद कुमार गुप्ता, सूर्यकांत कुमार सहित अन्य ने भी समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई।

किसान महिला मोर्चा की पूर्व जिला अध्यक्ष मीना देवी ने किसानों की समस्या बताते हुए कहा कि‍ इस नदी के कचड़ा से सड़की गांव के सभी किसानों की सैकड़ों एकड़ भूमि में खेती करना मुश्किल हो गया है। कचड़ा के अलावे सुई, सीरींज, प्लास्टिक व शीशा का बोतल सहित अन्य प्रकार के कचड़ों से खेत भरा पड़ा है। खेती करने के दौरान किसान व मजदूर के हाथ पैर में सुई व शीशा गड़ने से वे जख्मी हो जाते हैं।

किसानों ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन अब तक भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस संबंध में भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामलला दुबे ने सरकार व वरीय पदाधिकारी से आग्रह किया है कि नदी में भरे-पड़े कचड़ा की साफ-सफाई करवा कर किसानों की समस्या से निजात दिलाई जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो मोर्चा सभी किसान के साथ आंदोलन करने को बाध्य होगा।

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