पटना। बिहार की राजधानी पटना के सिपारा स्थित मध्य विद्यालय में तीन दिवसीय रंगोली, दीया मेकिंग और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम शिक्षिका डॉ नम्रता आनंद के मार्गदर्शन में हुआ।
सभी कंपटीशन में स्कूल के 100 बच्चों ने हिस्सा लिया। बच्चों ने विभिन्न कलाकृतियों की आकर्षक दीया, रंगोली और पेटिंग बनाई। इस दौरान बच्चों को प्रदूषण मुक्त और भेदभाव बुलाकर दीपावली उत्सव मनाने का संदेश दिया गया। दीपावली की महत्ता पर चर्चा की गयी।
डॉ नम्रता आनंद ने बताया कि दीपावली पर मिट्टी के दीये की रोशनी से ही घर रोशन होता है। अमावस्या की अंधेरी रात में दीये की जगमगाती रोशनी से चारों तरफ उजियारा छा जाता है। ‘रंगोली’ शब्द संस्कृत शब्द ‘रंगावल्ली’ से बना है। यह दो शब्दों से मिलकर बना है, ‘रंग’ जिसका अर्थ है ‘रंग’ और ‘अवल्ली’ जिसका अर्थ है ‘रंगीन लताएं’ या ‘रंगों की पंक्ति’।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक कृष्ण नंदन प्रसाद ने कहा कि दीयों से न सिर्फ दीवाली रोशन होती है, बल्कि उनकी रोशनी से मन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसी प्रतियोगिताएं बच्चों में उत्साह व उल्लास का संचार करती है। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों में रचनात्मकता का विकास होता है।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक श्वेता रानी, संगीता कुमारी, पद्मावती कुमारी, मंजू देवी, आभा कुमारी शर्मा, नीलम शर्मा, राजेश कुमार उर्मिला कुमारी मौजूद थे।
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