मुंगेर। नीतीश कुमार के बिहार से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। मुंगेर में शिक्षा विभाग का एक बार फिर से अजब-गजब कारनामा देखने को मिला है। यहां एक स्कूल को नए प्रधानाध्यापक तो मिले जरूर, लेकिन उनका स्कूल आना कहीं से मुमकिन नहीं।
दरअसल, जिस शिक्षक को हेडमास्टर बनाया गया है, उनकी मौत 4 साल पहले हो चुकी है। हालांकि शिक्षा विभाग ने अपनी ओर से फरमान जारी कर दिया है और स्कूल आवंटित करते हुए उन्हें ज्वाइन करने का निर्देश दिया है। यानी मृत शिक्षक अब मध्य विद्यालय जाफरनगर मुफस्सिल मुंगेर का संचालन करेंगे।
जिला शिक्षा पदाधिकारी मुंगेर कार्यालय से एक आदेश निकाला गया है। इस आदेश को जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना शिक्षा विभाग के हस्ताक्षर से जारी किया गया है। इसका ज्ञापांक 1300 दिनांक 10.102023 है। इसमें मापदंड के अनुरूप शर्तों के अधीन 46 स्नातक-स्नातकोत्तर शिक्षकों को अपने ही वेतनमान में प्रधानाध्यापक के रिक्त पद पर पूर्णकालिक रूप से कार्य करने के लिए प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापित किया है।
इन शिक्षकों के लिए विद्यालय भी आंवटित कर दिया गया है। इसमें एक मृत शिक्षक उपेंद्र कुमार को भी प्रधानाध्यापक बनाते हुए विद्यालय आवंटित कर दिया गया है। अब कैसे कोई मृत शिक्षक विद्यालय में योगदान देगा। यह तो आदेश जारी करने वाले ही जानें।
बताया जाता है कि कासिम बाजार थाना क्षेत्र के पुरानीगंज निवासी उपेंद्र कुमार नियमित शिक्षक के पद पर मध्य विद्यालय महावीर स्थान छोटी महुली मुफस्सिल मुंगेर में पदस्थापित थे। दिसंबर 2019 को उनकी मौत हो गयी थी। वे कैंसर से पीड़ित थे। उनकी मौत के चार साल होने को है, लेकिन शिक्षा विभाग ने उन्हें प्रधानाध्यापक बना दिया।
जिला शिक्षा पदाधिकारी मुंगेर के कार्यालय से निकले आदेश में जिन 46 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक बनाते हुए विद्यालय आवंटन की सूची जारी की गयी है, उस सूची में 15 नंबर पर उपेंद्र कुमार का नाम है। बावजूद उनको प्रधानाध्यापक बनाते हुए उन्हें शिक्षा विभाग ने स्कूल भी आवंटित कर दिया है।
मध्य विद्यालय महावीर स्थान छोटी महुली मुफस्सिल मुंगेर के प्रधानाध्यापक संजय कुमार आजाद ने बताया कि दिसंबर 2019 में उनकी मौत हुई थी। मौत के बाद इसकी सूचना उनके स्तर से बीइओ को दे दी गयी थी। जानकारों की मानें, तो मृतक शिक्षक उपेंद्र कुमार अपने पीछे पत्नी के अलावे दो पुत्र को छोड़ गये हैं। मौत के बाद मिलने वाली राशि उनके परिवार को मिल गयी है, लेकिन आज तक अनुकंपा के आधार पर आश्रित को नौकरी नहीं मिल पायी है। इसके पीछे क्या कारण है, इसका पता नहीं चल पाया है।
मृतक शिक्षक उपेंद्र कुमार के परिजनों से मुलाकात के बाद ही इसका खुलासा होगा। इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी अश्विनी कुमार से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।