रांची (Jharkhand)। करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं रखती हैं। व्रत रखकर वह अपने पति की लंबी उम्र और बेहतर सेहत की कामना करती है। यह निर्जला व्रत होता है। यह व्रत प्रातः सूर्योदय से प्रारंभ होता है। रात में चंद्रमा पूजन के बाद पति के हाथों पानी से खुलता है। इस दौरान महिलाएं अन्न और पानी तक ग्रहण नहीं करती है।
ये है मुहूर्त
पंडितों के अनुसार इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को 31 अक्टूबर को रात 9 बजकर 30 मिनट से यह व्रत शुरू होकर 1 नवंबर को रात 9 बजकर 19 मिनट तक है। करवा चौथ की पूजा 1 नवंबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 2 मिनट तक की जा सकती है। उस दिन चंद्रोदय 8 बजकर 26 मिनट पर होगा।
चांद का समय
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