गिरिडीह। झारखंड के प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। इस क्रम में गिरिडीह जिले के मजदूर की मुंबई के पनवेल के कलमबोली में मौत होने की खबर आई। उसकी मौत शनिवार रात को हो गयी। यह सूचना मिलते ही दुर्गा पूजा पर मृतक के घर में मातम छा गया।
जानकारी के अनुसार गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र अंतर्गत चैनपुर के मगरगड्डी निवासी जयगोपाल सिंह के 50 वर्षीय पुत्र रामविलास सिंह की शनिवार रात को मुंबई में मौत हो गयी। मौत की वजह की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।
मृतक मुंबई में अपने परिवार के साथ रहकर मजदूरी करता था। मृतक अपने पीछे पत्नी सरस्वती देवी, चार बेटी और दो बेटे को छोड़ गया। मौत की सूचना मिलते ही परिजन सकते में हैं। पूजा की खुशी मातम में बदल गई है। वहीं गांव वाले भी शोक में हैं।
इस घटना पर प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि झारखंड के नौजवानों के मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है।
अली ने कहा कि रोजी-रोटी की तलाश में परदेस गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों की मौत का सिलसिला जारी है। हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके के प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत की खबरें आ रही है। प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले से है।
सिकन्दर अली ने कहा कि अपना घर छोड़कर परदेस गये इन मजदूरों की जिंदगी तो कष्ट में बीतती ही है, मौत के बाद भी उनकी रूह को चैन नसीब नहीं होता है। किसी की लाश हफ्ते भर बाद आती है, तो किसी को 3 महीने बाद। ऐसे में सरकार को रोजगार की ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि मजदूरों का पलायन रोका जा सके।
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