कक्षा 5 तक नियुक्त शिक्षकों की प्रोन्नति के द्वार को भी बंद करना चाह रहा शिक्षा विभाग

झारखंड
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  • नई प्रोन्नति नियमावली नहीं बनाने से उत्‍पन्‍न हुई स्थिति

रांची। शिक्षा विभाग कक्षा 1 से 5 के नियुक्त शिक्षकों की प्रोन्नति के द्वार को भी बंद करना चाह रहा है। नई नियुक्ति नियमावली 2012 के आलोक में नई प्रोन्नति नियमावली नहीं बनाने का यह परिणाम है। उक्‍त बातें अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के पदधारियों ने कही। संघ ने नई प्रोन्नति नियमावली बनाने की कार्रवाई शुरू करने की मांग की है।

मजबूर किया जा रहा

संघ के अनुसार वर्ष, 2015–16 में प्राथमिक कक्षाओं के लिए नियुक्त शिक्षकों के उच्चतर प्राथमिक शिक्षक के पद पर प्रोन्नति के लिए सेवा में आने एवं अनुभव के बाद दोबारा 6 से 8 की शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने का निर्देश शिक्षा सचिव ने मार्गदर्शन में दिया है। झारखंड शिक्षक नियुक्ति नियमावली-2012 में नियुक्ति की शर्ते बदली, पदसोपन बदले, लेकिन इन बदली हुई शर्तों एवं पदसोपन के आलोक इनके लिए कोई नई या संशोधित प्रोन्नति नियमावली नहीं बनाई गई। इसका दुष्परिणाम 2015–16 में नियुक्त कक्षा 1 से 5 के शिक्षकों को भुगतने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

थोपना उचित नहीं है

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ इसे शिक्षकों को मानसिक प्रताड़ना देने वाला कदम मानता है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनूप कुमार केसरी, महासचिव राम मूर्ति ठाकुर, प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा है कि जब ये शिक्षक अपने संवर्ग के मूल कोटि में सेवा में आने के बाद लंबे वर्षों की सेवा अनुभव प्राप्त कर लेते हैं, तो उन्हे दोबारा शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता कैसे थोपी जा सकती है।

यह निष्पक्ष निर्णय नहीं

वर्ष 2012 से पूर्व के कार्यरत पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) के डीपीई की प्रशैक्षणिक योग्यता को स्नातक प्रशिक्षित पद के लिए उनके सेवा अनुभव के आधार पर ही मान्य किया गया था। उस वक्त उनके लिए यह बाध्यकारी नहीं किया गया कि उन्हें बीएड होना ही होगा। इसी प्रकार 1 से 5 के टेट उत्तीर्ण कर शिक्षक बने शिक्षकों को 6 से 8 के पदों पर प्रोन्नति के लिए फिर से टेट उत्तीर्णता की बाध्यता निष्पक्ष निर्णय नहीं कहा जा सकता। आश्चर्य का विषय तो यह है कि इन शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए ऐसा कोई उपबंध है ही नही।

समस्या की मुख्य वजह

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने 2015 में ही तत्कालीन शिक्षा सचिव को नई नियुक्ति नियमावली से उत्पन्न प्रोन्नति की समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था। नई नियमावली बनाने की मांग की थी, जिसके आलोक में वित और कार्मिक विभाग के साथ तत्कालीन शिक्षा सचिव ने कमेटी बनाकर विचार किया।

नई प्रोन्नति नियमावली बने

कमेटी ने नियमावली-2012 के आलोक में नई प्रोन्नति नियमावली बनाने की सुस्पष्ट अनुशंसा भी की, लेकिन अग्रेतर विभाग ने इस और कोई तत्परता नहीं दिखाई। इसके कारण 1 से 5 के शिक्षकों को भी दंश झेलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसलिए संघ की मांग है कि विभाग तत्काल नियमावली-2012 के आलोक में नई प्रोन्नति नियमावली बनाने की कार्रवाई शुरू करे।

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