आत्महत्या की रोकथाम पर CIP में बहुभाषी जागरुकता पोस्‍टर का विमोचन

झारखंड सेहत
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रांची। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर आत्महत्या की रोकथाम पर बहुभाषी जागरुकता पोस्‍टर का विमोचन 12 सितंबर, 22 को सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री (CIP) में किया गया। सीआईपी के सहयोग से इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी (आईपीएस) की झारखंड शाखा और आईपीएस स्पेशलिटी सेक्शन : सुसाइड प्रिवेंशन ने इसे तैयार किया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ श्‍याम प्रसाद मुखर्जी विश्‍ववि‍द्यालय के पूर्व कुलपति डॉ सत्यनारायण मुंडा और सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती दयामणि बारला थे। सीआईपी के निदेशक प्रोफेसर (डॉ) बासुदेव दास ने इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) द्वारा जारी आत्महत्या रोकथाम के बारे में जागरुकता सामग्री पढ़ी।

मुख्य अतिथि ने देश और झारखंड में बढ़ती आत्महत्या दर पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि देश भर में आदिवासी आबादी के बीच आत्महत्या की दर बढ़ रही है। ऐसा आधुनिकीकरण के कारण 21वीं सदी के आगमन से पहले मौजूद सामुदायिक सामंजस्य और जुड़ाव कम होने के कारण हो रहा था।

पोस्‍टर चार क्षेत्रीय भाषाओं (खोरता, संताली, हो और नागपुरी) में जारी किए। एसपीएमयू के रिसर्च स्कॉलर अर्जुन कुमार मिंज ने नागपुरी में अनुवाद पढ़ा। सिद्धांत ओधर ने खोरता में किए गए अनुवादों को पढ़ा। सीआईपी के मनोचिकित्सा के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुरजीत प्रसाद ने धन्यवाद किया।

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